खबर शहर , UP Encounter: विपिन और विनय ने दिखाए सब्जबाग, अनुज ने पकड़ी जरायम की राह; बहन बोली-गाड़ियों व बंगले का सपना… – INA

बुरी संगत का असर और उसका खामियाजा कैसे भुगतना पड़ सकता है, यह सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोप में मारे गए अनुज प्रताप सिंह और उसके परिवार को देखकर समझा जा सकता है। इस डकैती के मास्टर माइंड विपिन सिंह व फरार चल रहे विनय शुक्ला ने अनुज प्रताप को ऐसे सब्जबाग दिखाए, कि एक परिवार का होनहार पढ़ा लिखा बेटा जरायम की दुनिया में कूद गया। 

अंजाम यह हुआ कि खुद की जिंदगी तो गंवानी ही पड़ी और परिवार को कभी न भरने वाला जिंदगी भर का जख्म दे दिया। सुल्तानपुर डकैती कांड की वारदात से पहले विपिन सिंह व विनय शुक्ला ने अनुज प्रताप को गाड़ी-बंगले और ऐसो आराम की जिंदगी का सपना दिखाया था। 

ये बातें एनकाउंटर में मारे गए अनुज की बहन अमीषा सिंह ने कहीं हैं। अमीषा के मुताबिक आखिरी बार तीन जून को अनुज घर में था। चार जून वह को सूरत चला गया था। बताया कि भाई पढ़ाई करते थे। भगवान का दिया सबकुछ है। फिर भी वह लोग (विपिन व विनय) लालच देकर भाई को गुजरात के सूरत के एक मामले में फंसवा दिया। 

उसके बाद कि घटना में उसके भाई थे, कि नहीं, ये बात नहीं पता है। क्या हुआ है यह या तो विपिन सिंह या विनय शुक्ला को पता होगा। उसने कहा कि जिन्होंने एनकाउंटर किया है, उन पर भी केस होना चाहिए। सजा कोर्ट देता है न कि एसटीएफ या पुलिस वाले।


उसने कहा कि पुलिस की वर्दी का गलत फायदा न उठाएं। जिसके ऊपर 36 मुकदमें थे, उसका भी एनकाउंटर करवा देते। जिसके ऊपर एक केस है। उनका एनकाउंटर कर दिया गया। अगर घटना में 14 लोग शामिल हैं तो सभी का एनकाउंटर होना चाहिए। 

 


हमारे भाई का बेरहमी से एनकाउंटर कर दिया गया। हम इंसाफ चाहते हैं। इस सरकार में जो हो रहा है, बहुत गलत है। चाहे विपक्षी हो, या कोई भी नेता ये सब करवा रहे हैं, बहुत गलत है। कहा कि भाई सरल स्वभाव के थे। पढ़ने में अच्छे थे। फ्रेंडली थे। गए थे तो बात होती थी।


पूरी हो गई अखिलेश यादव की इच्छा
सुल्तानपुर सराफा लूटकांड के आरोप में एसटीएफ द्वारा उन्नाव में मारे गए शातिर अनुज प्रताप सिंह के पिता ने सरकार व सपा मुखिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मोहनगंज के जनापुर निवासी धर्मराज सिंह ने कहा कि उनका बेटा अनुज चार जून को घर से गया था। उसे पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया है। 

 


कहा कि जिन लोगों पर 35 से 40 मुकदमें हैं। उनका कुछ नहीं हो रहा है। उनके बेटे पर एक मुकदमा था और सुल्तानपुर डकैती में नाम आया। पुलिस ने उनके बेटे का एनकाउंटर कर दिया। कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई। ठाकुर का एनकाउंटर हो गया। सरकार की मर्जी है। जो सरकार कराए।

 


बोले ग्राम प्रधान
जनापुर ग्राम प्रधान अरुण सिंह ने कहा कि मुझे मीडिया जरिए अनुज के एनकाउंटर की जानकारी हुई। उसके बाद परिवार वालों को बताया। एनकाउंटर को लेकर कहा कि योगी जाति के ठाकुर वाद की वजह से यादव का एनकाउंटर हुआ। एसटीएफ, स्पेशल ठाकुर फोर्स और तमाम दुनियादारी। 

 


एक तरह से टारगेट किया जा रहा है। इनके ऊपर एक मुकदमा था। 22 साल का लड़का था। गांव वालों से पूछ लिया जाए, कि किसी से कभी कोई लड़ाई झगड़ा नहीं किया। तीन महीने से घर नहीं आया। सूरत में रहता था। कैसे नाम आया। किसी को नहीं बताया गया। सत्य है कि नहीं हम इस पर क्या बोलें।

 


घर में पढ़ाई का महौल, फिर भी अपराधी बन गया अनुज
अनुज प्रताप सिंह रायबरेली में बीए तृतीय वर्ष का छात्र था। उसी दरम्यान उसे सूरत में हुई लूट में एसटीएफ ने पकड़ा था। उसके बाद से वह पढ़ाई छोड़ नौकरी करने लगा था। उसके परिवार में पढ़ाई का माहौल है। पिता किसान हैं। बहन मनीषा सिंह बीएसी की छात्रा है। छोटा भाई आयुष प्रताप सिंह उर्फ अमन 11वीं का छात्र है। 

 


परिजनों के मुताबिक अनुज का परिवार संपन्न है। उसे आर्थिक तंगी नहीं थी। परिवार में पढ़ाई का महौल था, लेकिन न जाने उसने कैसे अपराध की राह पकड़ ली। गांव के बबन सिंह का कहना है कि जिनता वह जानते हैं, लड़का न चोर था न ही डकैत।

 


गांव में पसरा सन्नाटा
सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोप में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अनुज सिंह के गांव में सन्नाटा पसरा है। अनुज के घर रिश्तेदार व कुछ ग्रामीण जमा थे। लोग इस मामले में बोलने से कतरा रहे हैं। कुछ लोगों ने बोला, भी तो वह अनुज को मिलनसार व अच्छा बता रहे थे। 

 


कुछ लोग एनकाउंटर पर सवार उठा रहे थे, तो कुछ लोग इसे गलत भी बता रहे थे। घटना की खबर होने के बाद मृतक के पिता व कुछ परिजन शव लेने उन्नाव रवाना हो गए हैं। गांव में फिलवक्त महज दो पुलिस कर्मी पहुंचे थे। लोग शव के आने का इंतजार कर रहे थे।

 


मास्टरमाइंड विपिन समेत नौ बदमाश जेल में
डकैती का मास्टरमाइंड अमेठी के भवानी नगर थाना मोहनगंज निवासी विपिन सिंह 29 अगस्त को ही रायबरेली कोर्ट में दूसरे मामले में सरेंडर करके जेल चला गया था। अमेठी कोतवाली नगर के सहरी भीमी निवासी सचिन सिंह और पुष्पेंद्र सिंह, हारीपुर थाना पीपरपुर के त्रिभुवन को तीन सितंबर को पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया गया था। 

 


11 सितंबर को डकैती का खुलासा किया गया। अमेठी के सहमेमऊ थाना मोहनगंज के विनय शुक्ला, रायबरेली के नया पुरवा निवासी दुर्गेश सिंह, अमेठी के भवानीनगर थाना मोहनगंज के विवेक सिंह और आजमगढ़ के चमराडीह थाना फूलपुर के अरविंद यादव को जेल भेजा गया था। 

 


20 सितंबर को जयसिंहपुर के मुइली गांव के पास मुठभेड़ में इनामी बदमाश जौनपुर के सिंगरामऊ निवासी अजय यादव को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान डकैतों से ढाई किलो सोना और 30 किलो चांदी बरामद की गई थी।



Credit By Amar Ujala

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