खबर शहर , RO-ARO Paper Leak : लोक सेवा आयोग के पत्र से पकड़ा गया पूर्व प्रिंसिपल का झूठ, फिर कसा गया शिकंजा – INA

बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन केंद्र व्यवस्थापक अर्पित विनीत यशवंत की गिरफ्तारी के बाद से ही एसटीएफ के रडार पर थी। उन्होंने उसकी नियुक्ति को लेकर किए गए सवाल पर अफसरों को गलत जानकारी देकर गुमराह करने की कोशिश की। हालांकि, लोक सेवा आयोग की ओर से मिले पत्र के बाद उनका झूठ सामने आ गया। इस संबंध में जब बृहस्पतिवार को सवाल पूछे गए तो उन्होंने चुप्पी साध ली।

21 अप्रैल को म्योराबाद निवासी अर्पित विनीत यशवंत और कमलेश पाल निवासी झूंसी को दो अन्य आरोपियों समेत गिरफ्तार कर एसटीएफ ने खुलासा किया था कि आरओ एआरओ परीक्षा का पेपर जिन दो जगहों से लीक कराया गया उनमें से एक बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज था। अर्पित इसी स्कूल का केंद्र व्यवस्थापक था। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही पूर्व प्रिंसिपल एसटीएफ के शक के घेरे में आ गई थी। जांच के दौरान यह बात सामने आई की अर्पित को नियम विरुद्ध तरीके से केंद्र व्यवस्थापक बनाया गया जबकि वह स्कूल का नियमित कर्मचारी भी नहीं था।

जब पूर्व प्रिंसिपल से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने गलत जानकारी देकर एसटीएफ के अफसरों को गुमराह करने की कोशिश की। कहा कि अर्पित उनकी नियुक्ति से पहले से स्कूल में तैनात है। इसके बाद लोकसेवा आयोग से पत्राचार किया गया, तो पता चला कि अर्पित की नियुक्ति पूर्व प्रिंसिपल ने ही की थी। यही नहीं उसका नवीनीकरण भी किया था। बृहस्पतिवार को एसटीएफ दफ्तर में जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली।


पेपर लीक को लेकर हुई थी लंबी डील

अर्पित पूर्व प्रिंसिपल का बेहद करीबी था और पहले भी हुई कई परीक्षाओं में केंद्र व्यवस्थापक की जिम्मेदारी संभाल चुका था। जबकि आयोग व अन्य भर्ती बोर्ड के नियमों के मुताबिक वह केंद्र व्यवस्थापक बनने की अर्हता नहीं रखता था। चर्चा इस बात की भी रही की अर्पित ने कमलेश पाल ही नहीं बल्कि इस प्रकरण से जुड़े राजीव नयन मिश्रा को भी पूर्व प्रिंसिपल से मिलाया था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। फिलहाल एसटीएफ के अफसर का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की जा रही है और इस बिंदु पर भी कोर्ट की अनुमति लेकर जेल में बंद अर्पित से पूछताछ की जाएगी।

बैंक खातों की होगी जांच

एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद अब पूर्व प्रिंसिपल व उनके करीबियों के बैंक खातों की भी जल्द जांच की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा की भर्ती परीक्षाओं, जिनका केंद्र बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज को बनाया गया, उनके पहले या बाद में संबंधित खातों में बड़ी रकम का लेनदेन हुआ या नहीं। अगर ऐसा हुआ तो इस संबंध में भी जांच पड़ताल की जाएगी।


डीआईओएस का अब तक नहीं दर्ज हो सका बयान

इस प्रकरण में पूछताछ के लिए प्रयागराज के डीआईओएस को भी नोटिस जारी कर बुलाया गया है। हालांकि अब तक उन्होंने बयान दर्ज नहीं कराया। एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि उन्हें रिमाइंडर भी भेजे जा चुके हैं।

16 के खिलाफ चार्जशीट, पूर्व प्रिंसिपल 19वीं आरोपी

आरओ-एआरओ पेपर लीक प्रकरण में पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन 19वीं आरोपी हैं। उनसे पहले कुल 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है जिसमें गिरोह का मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा भी शामिल है। इससे पहले सात सितंबर को संजय सिंह कुशवाहा और कामेश्वर नाथ मौर्या गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। इन दोनों को छोड़कर अन्य सभी 16 आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। गौरतलब है कि सिविल लाइंस थाने में दो मार्च को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से इस प्रकरण की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में मामले की विवेचना एसटीएफ को सौंप दी गई। मुकदमा अज्ञात में दर्ज किया गया था।

दो आरोपियों की तलाश जारी

सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ विवेचना में सामने आए साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में दो अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। इनमें पुष्कर पांडेय व शिवानी सिंह शामिल हैं। पुष्कर मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्र का करीबी है और मध्य प्रदेश एनएचएम भर्ती पेपर लीक प्रकरण में जेल जा चुका है। शिवानी मास्टरमाइंड के रुपयों का हिसाब-किताब देखती थी। उसकी तलाश में वाराणसी एसटीएफ को भी लगाया गया है।


Credit By Amar Ujala

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