यूपी- यमुना एक्सप्रेस-वे पर क्यों महंगा किया गया टोल टैक्स? किसके पास जाएगा पैसा, 2012 से 2024 तक की कहानी – INA

यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए ग्रेटर नोएडा से आगरा तक का सफर अब महंगा होने वाला है. यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (येडा) ने गुरुवार को 12 फीसदी टोल टैक्स बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. नोएडा से आगरा तक का सफर आसान बनाने वाले इस एक्सप्रेस-वे से रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं. जाहिर है इस वृद्धि का असर आम लोगों की जेब को हल्का कर देगा.

साल 2003 में यमुना एक्सप्रेस-वे को बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, इसके करीब 9 साल बाद साल 2012 में यह बनकर तैयार हुआ. इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लोगों को ग्रेटर नोएडा से आगरा तक के सफर में समय की अच्छी बचत हुई. जहां पहले इस सफर में करीब 4 घंटे लगते थे वहीं यमुना एक्सप्रेस-वे के चलते यह समय लगभग आधा हो गया है. इसका निर्माण यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने किया था, जिसका ठेका जेपी ग्रुप को दिया गया था, लेकिन जेपी ग्रुप के कर्ज में डूबने के चलते इसे मुंबई आधारित सुरक्षा ग्रुप ने टेकओवर कर लिया.

टोल टैक्स में 12 फीसदी वृद्धि

टोल टैक्स में की गई बढ़ोत्तरी 1 अक्टूबर से लागू होगी. यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिए सफर करने वाले दो पहिया वाहनों, थ्री व्हीलर्स और पंजीकृत ट्रैक्टर्स को अब 1.50 रुपये प्रति किलोमीटर टोल टैक्स देना होगा, जो पहले 1.25 रुपये प्रति किलोमीटर था. इसी तरह कार, जीप और हल्के वाहनों को 2.95 रुपये प्रति किलोमीटर टोल टैक्स देना होगा जो पहले 2.6 रुपये प्रति किलोमीटर था.

1 अक्टूबर से यमुना एक्सप्रेस-वे से गुजरने वाले बसों और ट्रकों को अब 4.60 रुपये प्रति किलोमीटर टोल टैक्स देना होगा, जबकि पहले यह 4.15 रुपये प्रति किलोमीटर था, भारी वाहनों को 14.25 रुपये प्रति किलोमीटर और ओवरसाइज्ड वाहनों को 18.35 रुपये प्रति किलोमीटर टोल टैक्स चुकाना होगा.

2012 से 2024 तक की कहानी जानिए

165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेस-वे ग्रेटर नोएडा से आगरा को जोड़ता है. साल 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार में यह एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हुआ था. तब तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इसके डेवलपर (जेपी इंफ्राटेक) को कहा था कि वह नोएडा से ग्रेटर नोएडा लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए कोई चार्ज नहीं वसूलेंगे जिसके लिए जेपी ग्रुप राजी हो गया.

इस एक्सप्रेस-वे को विकसित करने के साथ-साथ जेपी ग्रुप को इसके आस-पास 5 स्थानों पर 500 हेक्टेयर जमीन पर इंटीग्रेडेट टाउनशिप बनाने को कहा गया था, जिससे एक्सप्रेस-वे के आस-पास लोग रह सकें.

साल 2012 से 2015 तक इसके टोल टैक्स में सालाना वृद्धि की मंजूरी राज्य सरकार देती थी. लेकिन साल 2015 में सरकार ने इसके लिए येडा (Yeida) को निर्देशित कर दिया. येडा के मुताबिक गुरुवार को हुई बोर्ड मीटिंग में एक्सप्रेस-वे का टोल-टैक्स बढ़ाने की मंजूरी इसलिए दी गई है जिससे ऑपरेटर रोजाना एक करोड़ रुपए इससे जुटा सकें.

किसकी जेब में जाएगा टोल-टैक्स का पैसा?

येडा का कहना है कि टोल-टैक्स में वृद्धि 3 साल बाद की गई है. एक ही बार में 12 फीसदी टोल टैक्स बढ़ाने पर येडा का कहना है कि साल 2021-22 से जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड की ओर से टोल-टैक्स बढ़ाने की मांग की जा रही थी, लेकिन जनता को फायदा पहुंचाने के लिए हमने 3 साल तक टोल-टैक्स नहीं बढ़ाया. लेकिन अब जबकि मुंबई आधारित सुरक्षा ग्रुप के साथ किए गए अनुबंध के चलते हमें टोल टैक्स में वृद्धि को मंजूरी देनी पड़ी है.

दरअसल यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली जेपी इंफ्राटेक कर्ज में डूब चुकी थी, इसके बाद मुंबई के सुरक्षा ग्रुप ने इसी साल जून में इसे टेकओवर कर लिया. वर्तमान में यमुना एक्सप्रेस पर टोल टैक्स कलेक्शन और उसका प्रबंधन सुरक्षा ग्रुप ही कर रहा है. हालांकि ग्रुप ने इस पूरे मामले में किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

टोल-टैक्स बढ़ाने की ये है वजह?

वहीं येडा के CEO अरुण वीर सिंह का कहना है कि सुरक्षा ग्रुप रुके हुए जेपी अपार्टमेंट का निर्माण तभी करेगी जब हम सालाना टोल वृद्धि लागू करेंगे.दरअसल कर्ज में डूब चुकी जेपी इंफ्राटेक ने जब साल 2012 में यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया था तब उसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 30 हजार अपार्टमेंट बनाने के लिए भी जमीन दी गई थी. वहीं लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इसी साल जून में सुरक्षा ग्रुप ने यह सारी संपत्ति टेकओवर कर ली है. लेकिन येडा के मुताबिक सुरक्षा ग्रुप ने इस टेकओवर को लेकर जो सबसे प्रमुख शर्त रखी थी वह थी सालाना टोल टैक्स में वृद्धि को लागू करना.

सुरक्षा ग्रुप ने वद्धि की मांग की थी-येडा

येडा का कहना है कि हाल ही में टोल ऑपरेटर (सुरक्षा ग्रुप) ने एक्सप्रेस-वे के संचालन हुए घाटे का हवाला देते हुए एक पत्र लिखकर उनसे टोल टैक्स बढ़ाने की मांग की थी. येडा के CEO अरुण वीर सिंह के मुताबिक अगर इस टोल वृद्धि को 3 साल में बांटे तो 2021 से अब तक यह प्रति वर्ष 4 फीसदी होगा. उन्होंने बताया कि अथॉरिटी बोर्ड ने सुरक्षा ग्रुप को ट्रैफिक फोरकास्ट और वर्तमान व्हीकल प्रेशर की एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है, जिससे यह तय किया जा सके कि ऑपरेटर इस एक्सप्रेस-वे से कितना टोल-टैक्स वसूल सकते हैं.

2012 में कितना था टोल-टैक्स?

साल 2012 में यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल-टैक्स की दरें वर्तमान दरों से काफी कम थीं. उस समय कार-जीप के लिए 2.10 रुपये प्रति किलोमीटर, मिनी बस के लिए 3.23 रुपये प्रति किलोमीटर, बसों और ट्रकों के लिए 6.60 रुपये प्रति किलोमीटर और भारी वाहनों के लिए 10.10 रुपये प्रति किलोमीटर टोल टैक्स वसूला जाता था.

इसके अलावा दो पहिया वाहनों के लिए ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 150 रुपये तो वहीं राउंड ट्रिप के लिए 240 रुपये टोल टैक्स लिया जाता था. एक अनुमान के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे से रोजाना करीब 35 हजार वाहन गुजरते हैं, वहीं वीकेंड में यह आंकड़ा 50 हजार के आस-पास भी पहुंच जाता है. ऐसे में यह वृद्धि हजारों लोगों की जेब को हल्का कर देगी.


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