खबर शहर , विश्व रैबीज दिवस 2024: गधा-घोड़ा, चूहा-बिल्ली काटने पर भी टाले नहीं, जरूर लगवाएं टीका; जा सकती है जान – INA
गधा-घोड़ा, चूहा-बिल्ली समेत कोई और जानवर काटे तो एआरवी (एंटी रैबीज वैक्सीन) लगवाने में लापरवाही न बरतें। वैक्सीन लगने से रैबीज फैलने का खतरा नहीं रहेगा। जिला अस्पताल में रोजाना करीब 350 मरीज आ रहे हैं। इनमें से 3-5 मरीज गधा-घोड़ा, चूहा-बिल्ली काटने के रहते हैं।
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार अरोड़ा ने बताया ओपीडी में एआरवी की ओपीडी में हर रोज 350 के करीब मरीज आते हैं।इनमें बच्चे सबसे अधिक होते हैं। इनमें कुत्ता काटने के 80 फीसदी, बंदर के करीब 10-15 फीसदी केस रहते हैं। चूहा-बिल्ली, गधा-घोड़ा, सियार-ऊंट द्वारा काटने के भी मरीज आते हैं।
नमक-मिर्च न लगाएं, सोड़ा साबुन से घाव को धोएं
नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि रैबीज का कोई इलाज नहीं हैं। इससे देश में करीब 20 हजार मरीजों की सालाना मौत होती है। कई बार जानवर के काटे के घाव पर लोग अज्ञानता के चलते नमक-मिर्च लगा लेते हैं। इसे रैबीज का वायरस और तेजी से नसों में संचारित होने लगता है। सबसे पहले घाव को तेज पानी की धार में सोड़ा वाले साबुन से 20 मिनट तक धोएं। इससे वायरस पानी-साबुन से साफ हो जाएगा और इसके फैलने की दर काफी कम हो जाएगी। इसके बाद जल्द एआरवी लगवाएं।