यूपी- 129 साल बाद स्वदेश लौटा परिवार, परदादा ने छोड़ा था वतन; अब परपोते ने गांव की माटी को माथे से लगाया – INA
आप दुनिया में कहीं भी चले जाएं, लेकिन वतन की माटी की याद आ ही जाती है. ऐसा ही एक ताजा मामला गाजीपुर जिले से सामने आया है, जहां 129 साल बाद दुखरन की छठी पीढ़ी उनके गांव पहुंची है. दुखरन 25 साल की उम्र में 5 मार्च 1895 को कोलकाता से पानी के जहाज के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका चले गए थे. लेकिन अब उनके परिवार की छठी पीढ़ी भारत लौटी है. जिन्होंने अपने पैतृक गांव पहुंचते ही वहां की मिट्टी को माथे से लगाया है.
गाजीपुर जिले के सैदपुर तहसील क्षेत्र के मंगारी गांव के निवासी दुखरन आज से करीब 129 साल पहले कोलकाता से दक्षिण अफ्रीका चले गए थे, तब दुखरन की आयु करीब 25 साल थी. दुखरन कोलकाता से एक पानी के जहाज के सहारे दक्षिण अफ्रीका करीब 24 दिनों का सफर तय करके पहुंचे थे. दुखरन के परिवार के सदस्य अब 129 साल के बाद भारत लौटे है. दुखरन का परिवार वर्तमान समय में दक्षिण अफ्रीका का मूल निवासी है.
अपने पैतृक गांव पहुंचे राकेश रोशन
दुखरन के परपोते राकेश अपनी पत्नी यूनी के साथ भारत आए है. राकेश के परदादा से लेकर अब तक परिवार के लोग फल और सब्जी के बड़े व्यवसायी रहे है, लेकिन इस समय दुखरन के परपोते राकेश रोशन एक कंपनी में इंश्योरेंस एडवाइजर का कार्य करते हैं. राकेश रोशन को अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग के हेडक्वार्टर बेंगलुरु से मिली है. राकेश रोशन अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए बोध गया गये थे. जहां से वह अपने पैतृक गांव मंगारी पहुंचे.
129 साल बाद गांव पहुंची छठी पीढ़ी
गांव पहुंचते ही गांव वालों ने राकेश और उनकी पत्नी यूनी का फूलमाला पहनाकर और बुके देकर स्वागत किया. राकेश ने बताया कि वह दुखरन की छठी पीढ़ी है. उनके परदादा गन्ने की खेती के लिए दक्षिण अफ्रीका गए थे बाद में वह वहीं बस गए थे. आगे राकेश ने बताया कि हम लोग छठी पीढ़ी के वंसज है.
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