खबर शहर , UP: डालमिया बाग प्रकरण में आया नया मोड़, जमीन का सौदा हुआ निरस्त…इस सूचना से छूटे निवेशकों के पसीने – INA

मथुरा के जैंत थाना क्षेत्र स्थित डालमिया बाग में 454 हरे पेड़ों के कटान के मामले में नया मोड़ आ गया है। चर्चा है कि जमीन के मालिक डालमिया परिवार ने इस जमीन का सौदा निरस्त कर दिया है। इसके बाद निवेशकों में अफरा-तफरी मची हुई है। लोग अपने लाखों रुपये की नगदी वापस लेने के लिए प्रोजेक्ट शुरू करने वाले आरोपियों पर दबाव बनाने में लग गए हैं।

 


18 सितंबर की रात को डालमिया बाग में हरे पेड़ों का कटान किया गया। इसको लेकर अभी तक चार मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। मुकदमों में डालमिया एंड संस, नारायण प्रसाद डालमिया, श्रीचंद कुमार धानुका, मृगांक धानुका, शिव शंकर उर्फ शंकर सेठ, अरुण धानुका समेत अज्ञात नामजद हैं। स्वयं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के कारण डालमिया परिवार जमीन का सौदा करने वालों से खासा नाराज है। बताया जा रहा है कि उन्होंने साफ कह दिया है कि अब किसी भी कीमत पर बाग का सौदा संभव नहीं है। हालांकि फिलहाल इसकी पुष्टि करने वाला कोई नहीं है क्योंकि सब अपनी-अपनी गर्दन बचाने में लगे हैं।

 


चर्चाओं के अनुसार डालमिया परिवार का कहना है कि खरीदारों ने सौदा करने के बाद जिस तरह समझौते का उल्लंघन किया, उससे न सिर्फ उनकी आपराधिक मानसिकता का पता लगता है बल्कि यह भी जाहिर होता है कि उनका व्यावसायिक नजरिया भी पाक-साफ नहीं है। डालमिया परिवार ने न तो खरीदारों को इस जमीन पर काबिज होने की कोई लिखित या मौखिक इजाजत दी थी और न हरे वृक्षों को काटने की सहमति प्रदान की। कहा जा रहा है कि डालमिया परिवार अब खुद इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
 


अभी तक पुलिस को डालमिया परिवार की झलक तक नहीं मिली
थाना जैंत की पुलिस डालमिया परिवार से बात करने कलकत्ता गई है। पांच दिन हो गए हैँ पर इस पुलिस को इस परिवार के किसी सदस्य की अब तक झलक भी नहीं दिखी है। इस परिवसार के लोगों का यह भी मानना है कि वन विभाग और पुलिस को इस परिवार की पूरी जानकारी और कोलकाता का पता सौदेबाजों में से ही किसी ने मुहैया कराया है। हालांकि पुलिस के लिए यह मुश्किल भी नहीं है।

 


पांच सौ करोड़ का पेंच अब फंसा
यह पूरा खेल पांच सौ करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है। माना जा रहा है कि अब मामला बुरी तरह से उलझ गया है। यहां आवंटियों को प्लाट तो दिए गए पर रजिस्ट्री नहीं हो सकी। अब आवंटी प्लॉटों की रजिस्ट्री कराने का दबाव बना रहे थे। निवेशकों के दबाव में रातों-रात पेड़ काटने का खेल तो खेला गया, लेकिन यह भारी पड़ गया। अब पूरा प्रोजेक्ट ही उलझ गया है।
 


मूल सौदेबाज के होटल पर निवेशकों ने किया जमकर हंगामा
बताया जा रहा है कि इस जमीन का सौदा निरस्त होने की चर्चा पर वृंदावन निवासी मुख्य सौदेबाज के होटल पर कई आवंटी पहुंच गए और उन्होंने जमकर हंगामा किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि इस मूल सौदेबाज ने खुद को होटल के एक कमरे में बंद करके अपने सीए को सामने कर स्वयं को बचाया। यह स्थिति . और फंस सकती है क्योंकि यहां लोगों के करोड़ों रुपये फंसे हैं।


Credit By Amar Ujala

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