खबर शहर , अलीगढ़ आने की ख्वाहिश रह गई अधूरी: रतन टाटा को मानद उपाधि देना चाहता था एएमयू…नहीं आ सके – INA

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में आने की ख्वाहिश अधूरी रह गई। एएमयू प्रशासन उन्हें मानद उपाधि देना चाहता था। इसके लिए उन्हें बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया गया था। वह खुद भी इस तालिमी मरकज को देखना चाहते थे। इसके लिए वह काफी उत्साहित भी थे। लेकिन पहले से तय एक कार्यक्रम में उनकी व्यस्तता के कारण वह अलीगढ़ आ नहीं सके थे।

2008 में दीक्षांत समारोह में एएमयू रतन टाटा को मानद उपाधि देना चाहता था। रतन टाटा ने भी विशिष्ट अतिथि के रूप में आने की सहमति दे दी थी, लेकिन उनके दिए जा रहे वक्त से समारोह की तारीख मेल नहीं खा रही थी। 18 जून 2008 को दीक्षांत समारोह के लिए तत्कालीन कुलपति प्रो. पीके अब्दुल अजीज ने मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, विशिष्ट अतिथि के तौर पर उद्योगपति रतन टाटा और उद्योगपति अजीम प्रेमजी को दावतनामा भेजा था। सभी ने अपनी सहमति दे दी थी।

यूनिवर्सिटी ने दीक्षांत समारोह के लिए जो तिथि तय की थी, उसमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और उद्योगपति अजीम प्रेमजी आने के लिए राजी हो गए थे। लेकिन, रतन टाटा ने विनम्रता के साथ समारोह में आने के लिए इन्कार कर दिया था। क्योंकि, उन्होंने उस तिथि में किसी और कार्यक्रम में जाने लिए पहले से वादा कर रखा था। इसके बाद उन्हें आमंत्रित करने का संयोग नहीं बन पाया।

कार को आम लोगों तक पहुंचाने की उनकी सोच से प्रभावित होकर दिया था निमंत्रण


एएमयू के पीआरओ रहे डॉ. राहत अबरार ने बताया कि वर्ष 2008 में नैनो टाटा कार बाजार में टाटा समूह ने उतारी थी। जिसे लखटकिया कहते थे। कार को आम आदमी तक पहुंचाने की उनकी सोच से विश्वविद्यालय प्रशासन काफी प्रभावित हुआ था। इसलिए उनको दीक्षांत समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था। मगर वह व्यस्तता के कारण आ नहीं पाए थे।

समारोह में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और अजीम प्रेमजी को डी.एससी (डॉक्क्टर ऑफ साइंस) मानद उपाधि प्रदान की गई थी। उधर, टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन को नवंबर 2021 में ऑनलाइन दीक्षांत समारोह में एएमयू ने आमंत्रित किया था, उन्हें मानद उपाधि भी प्रदान की गई थी।


Credit By Amar Ujala

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