खबर शहर , Mangalayatan University: विवि पर है बीएससी नर्सिंग की मान्यता, कुलसचिव ने आरोप बताए निराधार – INA
मंगलायतन विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग 2021-22 बैच के छात्रों ने लखनऊ के हजरतगंज स्थित बापू भवन के पास एकत्र हुए और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया, जिसमें विवि पर बीएससी नर्सिंग की मान्यता न होने का आरोप लगाया। इस पर विवि के कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने छात्रों के आरोप को निराधार बताया है और कहा है कि विश्वविद्यालय को बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम की मान्यता मिली हुई है।
मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने बीएससी नर्सिंग 2021-22 बैच की मान्यता मिलने पर ही प्रवेश प्रक्रिया को पूर्ण किया था। विश्वविद्यालय ने बीएससी नर्सिंग कार्यक्रम की मान्यता आवश्यक प्रक्रियाओं के अनुसार ही प्राप्त की गई है। सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा करने के बाद ही विद्यार्थियों का प्रवेश लिया गया है। विद्यार्थियों को सभी जानकारियों के साथ पारदर्शिता में प्रवेश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा बीएससी नर्सिंग 2021-2022 बैच प्रारंभ करने के लिए अनुमति मांगी थी। 8 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोर्स संचालित करने का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया। इसके बाद विश्वविद्यालय के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल फैकल्टी ने शुल्क जमा कराकर निरीक्षण के लिए पत्र भेजा था। 30 मार्च 2022 को बीएससी नर्सिंग के इंस्टीट्यूट का निरीक्षण संपन्न हुआ। इसके बाद ही विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम का संचालन करने व प्रवेश प्रक्रिया के लिए एक अप्रैल 2022 को यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी द्वारा मान्यता प्रदान की गई। विश्वविद्यालय को बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम की मान्यता संबंधित नर्सिंग काउंसिल की दिशा-निर्देशों के अनुसार मिली है।
इंडियन नर्सिंग काउंसिल द्वारा 2021-22 बैच के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 07 अप्रैल 2022 निर्धारित की थी। विश्वविद्यालय द्वारा समय सीमा के भीतर ही नियमानुसार प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण की है और शिक्षण कार्य प्रारंभ किया। प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले विश्वविद्यालय ने सभी आवश्यक दस्तावेज और मंजूरी प्राप्त की थी। क्योंकि मान्यता प्रपत्र में संबंधित वर्ष की मान्यता का विवरण स्पष्ट नहीं था। इसलिए विद्यार्थी भ्रमित हो गए और उन्होंने स्टेट मेडिकल फैकल्टी में संपर्क किया। विश्वविद्यालय द्वारा अपना स्पष्टीकरण स्टेट मेडिकल फैकल्टी को भी भेज दिया है।