खबर शहर , UP News: राज्यपाल ने विद्यार्थियों को दिए सफलता के मंत्र, एआई और स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर कही ये बात – INA

‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के फायदे और नुकसान दोनों हैं। व्यक्तित्व विकास के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करें। अगर किसी विषय पर लिखना है तो अपने आसपास सर्वेक्षण करें। पेन-पेपर लेकर बैठें। ऐसी परिस्थितियों में लिखा गया मौलिक लेख बेहतर होगा। मानव जीवन में एआई का सकारात्मक उपयोग होना चाहिए। अन्यथा इससे फायदा कम और नुकसान अधिक होगा।’

रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के 22वें दीक्षांत समारोह में सोमवार को विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अगर आप एआई के माध्यम से कुछ लिखकर कहीं ले जाते हैं तो वह मौलिक नहीं होगा। आजकल माताएं तीन साल के बच्चों को स्मार्टफोन दे रही हैं। 

उन्हें इसके नुकसान की जानकारी ही नहीं है। आज 10-11 साल की उम्र के बच्चों के मन में गलत विचार आ रहे हैं। यह स्मार्टफोन की ही देन है। इससे बच्चे कम उम्र में ही भटक जाते हैं। बच्चे को स्मार्टफोन न दें। उनको कुछ दिखाना जरूरी है तो साथ बैठाकर दिखाएं।


यूजी-पीजी और पीएचडी के बाद विद्यार्थी करेंगे इंटर्नशिप 
राज्यपाल ने कहा कि स्नातक, परास्नातक व पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने वाले विद्यार्थी बड़ी-बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 में युवाओं के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। सरकार ने नई योजना बनाई है, जिसमें एक करोड़ विद्यार्थियों को सात साल में इंटर्नशिप के लिए भेजा जाएगा। विद्यार्थी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। कंपनियों में इंटर्नशिप के दौरान अच्छा कार्य करना पर रोजगार भी मिलेगा।

इसके लिए एआई से पूछिए, उसका इस्तेमाल करिए। यह योजना इसलिए शुरू की है, क्योंकि सभी को सरकारी नौकरी मिलने वाली नहीं है। सरकारी नौकरी मेरिट में आने वाले लोगों को मिलेगी। अन्य युवा इस योजना का लाभ उठाएं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को 19,025 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। विवि स्तर से प्रोजेक्ट जल्द भेजें, क्योंकि मार्च में बजट सरेंडर हो जाएगा।


पोर्टल ने रोकी परीक्षाओं में गड़बड़ी
राज्यपाल ने कहा कि सामर्थ्य पोर्टल से विवि का कार्य ऑनलाइन हो रहा है। अब तक सभी विवि अलग-अलग एजेंसियां रखते थे। उनके माध्यम से विद्यार्थियों का प्रवेश, परीक्षा, मूल्यांकन आदि कार्य होते थे। विवि 200 करोड़ रुपये खर्च करते थे। इसके बाद भी इसमें बहुत गड़बड़ियां होती थीं। पोर्टल से विवि का एक रुपये भी खर्च नहीं हो रहा है। 

आपस में करें चर्चा 
उन्होंने कहा कि कई उद्योगपति अरबों रुपये के मालिक हैं, लेकिन उनके हाथों में स्मार्टफोन नहीं होता है। वे इससे काम भी नहीं करते। वे कर्मचारियों के साथ बैठते हैं। नवाचारों पर चर्चा करते हैं। रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि जब ताज अटैक में कई कर्मचारी मारे गए थे, टाटा ने प्रत्येक के परिजनों को 85-85 लाख रुपये दिए थे। उनके बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली थी। ऐसी सोच से उद्योग बढ़ता है। वे नीचे काम करने वालों को नहीं भूलते।


मंत्रियों के भाषण पर कसा तंज 

समारोह में कुलाधिपति के भाषण से पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने अपने भाषण में विकसित भारत का जिक्र किया। इस पर कुलाधिपति ने तंज कसते हुए कहा कि भारत विकसित देश बनने की ओर बढ़ रहा है, इसमें आपकी अहम भूमिका होनी चाहिए। अभी हमारे दोनों मंत्रियों ने कहा कि मैं बाद में, राष्ट्र पहले। वहीं जब बात एमपी बनने की आती है तो पहले मैं, जिला पंचायत का जिक्र आता है तो मैं और मेरी पत्नी। मेयर का चुनाव आता है तो भी मैं। ऐसे में ज्यादातर जगह मैं ही पहले आता है।


Credit By Amar Ujala

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