खबर शहर , Exclusive: एसडीएम बनने के बाद तहसीलदार के तौर पर बैक डेट में किए दाखिल खारिज के आदेश – INA
जनपद में तैनात एक अफसर ने गजब का कारनामा कर डाला। तहसीलदार से उपजिलाधिकारी के पद पर प्रोन्नति होने के बाद भी बतौर तहसीलदार दाखिल खारिज के दो मामलों में आदेश कर दिया। आदेश भी बैक डेट में किया गया है। मामला सवायजपुर तहसील का है। संडीला की उपजिलाधिकारी डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव जनपद में ही सवायजपुर तहसील में तहसीलदार के पद पर तैनात थीं। 30 जून 2023 को शासन ने उनकी प्रोन्नति उपजिलाधिकारी के पद पर कर दी थी, लेकिन तैनाती का जनपद नहीं बदला था।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने उन्हें सवायजपुर तहसील में ही एसडीएम बनाने का आदेश जारी किया था और इसी क्रम में अरुणिमा श्रीवास्तव ने सवायजपुर में उपजिलाधिकारी के पद पर योगदान दिया था। सवायजपुर तहसील क्षेत्र से जुड़े दाखिल खारिज के दो मामलों में उन्होंने तहसीलदार की हैसियत से उपजिलाधिकारी बनने के बाद आदेश जारी कर दिए। खास बात यह है कि जिला मुख्यालय स्थित अभिलेखागार (रिकॉर्ड रूम) से 12 जुलाई 2024 को सवायजपुर तहसील में अभिलेख भेजे गए थे। इन अभिलेखों पर 28 जून 2023 की तारीख में तहसीलदार के हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें से एक मामला सवायजपुर तहसील के डिघासर गांव का है। इसमें 0.975 हेक्टेयर भूमि के दाखिल खारिज का मामला है। इसके अलावा बरौली गांव का भी एक मामला है, जो 0.0510 हेक्टेयर के दाखिल खारिज का है। इनमें से एक मामले में दाखिल खारिज के आदेश से जुड़ा कागज भी गायब है।
डॉ. अरुणिमा की सुनिए
डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव ने सवाल के बदले सवाल किया कि आपको किसने बताया। फिर बोलीं कि मुझे कुछ नहीं मालूम। इसके बाद कहा एडीएम मैडम जांच कर रही हैं। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। गलती जिसने की होगी भुगतेगा भी वही।
मामला मेरे संज्ञान में आया है। अपर जिलाधिकारी को मामले की जांच सौंपी है। अपर जिलाधिकारी संबंधित एसडीएम का बयान लेने के बाद रिपोर्ट भेजेंगी। मामला बेहद गंभीर है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– एमपी सिंह, डीएम