देश – Karwa Chauth Puja: अकेली हैं तो इस तरह करें करवाचौथ की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का सही समय #INA
Karwa Chauth Puja Muhurat: करवाचौथ की पूजा सुहागन स्त्रियां एक साथ मिलकर करती हैं. पौराणिक काल से ये परंपरा चलती आ रही है. लेकिन, किसी भी कारणवश अगर आप ये पूजा अकेले कर रही हैं तो इसका विधान भी हमारे शास्त्रों में दिया गया है. करवा चौथ के दिन अगर आप किसी मंदिर में जाकर पूजा नहीं कर पा रही, या फिर करवा चौथ के किसी समारोह में अन्य महिलाओं के साथ बैठकर ये पूजा नहीं कर सकती तो आप ये पूजा आसानी से अपने घर पर भी कर सकती हैं. इस पूजा के लिए सबसे जरूरी है करवा चौथ की कथा, पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रमा के दर्शन. करवा चौथ की कथा इंटरनेट पर आसानी से मिल जाती है हम आपको इस कथा का लिंक भी इस स्टोरी में देंगे. इसके बाद बात आती है कि इस कथा को किस शुभ मुहूर्त में पढ़कर पूजा करें और फिर उसके बाद चंद्रोदय का समय क्या होगा और तब अपने पति के साथ आप अपने ये व्रत किस तरह पूजा करके खोल सकती हैं. तो आइए एक-एक करके आपके इस सभी सवालों के जवाब देते हैं.
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth Puja Shubh Muhurat)
इस साल चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से शुरू हो रही है जो 21 अक्तूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. क्योंकि करवा चौथ के दिन चंद्र दर्शन जरूरी होते हैं इसलिए इस साल 20 अक्टूबर को ही करवा चौथ (Karwa Chauth Puja) का व्रत रखा जाएगा. तो इस साल सुबह 06:25 बजे से लेकर देर शाम 07:54 बजे यानि 13 घंटे 29 मिनट निर्जला व्रत का कुल समय रहेगा.
करवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:46 पी एम से 07:02 पी एम
करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 07:54 पी एम (Karva Chauth Puja Moon Time)
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अकेले करवा चौथ की पूजा कैसे करें?
करवा चौथ की पूजा शुरू करने से पहले आप ओम कार्तिकेय नमः, ओम पार्वती नमः, ओम शिव शंभू नमः इन मंत्रों का एक-एक बार कम से कम जाप करें. अब आप करवा चौथ की पौराणिक कथा पढ़ें. कथा पढ़ने से पहले करवा माता का ध्यान करते हुए पूजा की थाली तैयार करें और एक करवे में पानी भरकर उस पर आटे से बना देसी घी का दीपक जलाएं. कथा सुनने से पहले मन को शांत करें और ध्यान कंद्रित करते हुए शुभ मुहूर्त में कथा पढ़ना या सुनना शुरू करें. कथा पूरी होने के बाद देवी को नमस्कार करें. पति की लंबी उम्र की कामना करें और घर में बुजुर्ग लोगों को पांव छुएं. अन्य सुहागिन स्त्रियों का भी आशीर्वाद लेना कथा के बाद शुभ माना जाता है.
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अब आप चांद निकलने का इंतज़ार करें और चंद्रमा के दर्शन होते ही उसे पहले छलनी ने देखें फिर चांद को अर्घ्य अर्पित करें, उसकी आरती उतारें. इसी तरह से अब आप उसी छलनी से अपने पति को देखें और उनकी आरती उतारकर उनके पांव छूएं. पति का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है. अब आपके पति आपको पानी पिलाकर कुछ मीठा खिलाएंगे जिससे आपका करवा चौथ का व्रत खुलेगा. इस तरह आप अकेले भी करवा चौथ की पूजा कर सकती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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