यूपी – UP: वैदिक मंत्रों से शुरू हुआ IIT BHU का 13वां दीक्षांत, डिजिलॉकर पर 1954 टेक्नोसेवियों की उपाधियां हुईं अपलोड – INA

आईआईटी बीएचयू के 13वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ हो गया है। वैदिक मंत्रों की गूंज पर सीनेट के सदस्यों के साथ के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान स्वतंत्रता भवन सभागार के मंच पर पहुंचे। दुनिया के पहले हल्के लड़ाकू विमान तेजस के हेड डिजाइनर भी मंच पर मौजूद रहे। उनके अलावा बीएचयू कुलपति और कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव भी रहे। इस दौरान डिजिलॉकर पर 1954 टेक्नोसेवियों की उपाधियां अपलोड की गईं।

इस दौरान अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यहां बैठे विद्यार्थियों, आप कहीं से भी आए हों, लेकिन यहां की धरोहर ने आपको अपनाया। काशी की कसौटी पर जो खरा उतरता है, सोना कहीं का भी हो बनारसी कहलाता है।

कहा कि भारत में अभी भी पांच चुनिंदा जीवंत शहर हैं, उनमें से एक शहर बनारस भी है, जहां आपने कुछ पल बिताया। जब पहली औद्योगिक क्रांति हुई थी तो भारत पराधीन था। पिछले पांच सदी की बात करें तो औद्योगिक क्रांति में भारत कहीं नहीं था। अभी चौथा औद्योगिक क्रांति चल रहा है, जिसमें भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा और आईआईटी बीएचयू भारत में उसका नेतृत्व करेगा।

सुबह खाई चाची की कचौड़ी

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज सुबह चाची की कचौड़ी खाई और पान खाया। पेमेंट डिजिटल तरीके से किया। आज हम डिजिटल पेमेंट में चीन और अमेरिका से . हैं।


60 मेधावियों को कुल 99 गोल्ड समेत कुल 100 मेडल दिए गए। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की भव्या को डायरेक्टर्स मेडल और केमिकल इंजीनियरिंग के आदित्य कुमार नायक को प्रेसिडेंट मेडल से नवाजा गया।

भव्या को सबसे ज्यादा 12 गोल्ड समेत कुल 13 मेडल दिए गए। वहीं, मटेरियल साइंस के अखिलेश यादव को बेस्ट पीएचडी थीसिस के लिए मंच से उपाधि और पी एस नारायण गोल्ड मेडल दिया गया। कुल 300 पीएचडी डिग्री दी गई। साथ ही कुल 1954 डिग्रियां दी गईं। 

सबसे बड़ा कैश प्राइज मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग विभाग की अनुष्का भारद्वाज को आदित्य कुमार अवस्थी अवार्ड के तहत एक लाख रुपये दिए गए। वहीं, मेटलर्जी के तीन मेधावियों को गरीबी के चलते 10 हजार रुपये दिए गए।


Credit By Amar Ujala

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