खबर आगरा: चिकित्सकों पर अत्याचार नहीं सहेगा आईएमए – Bharat Tv News. – INA

आगरा। चिकित्सकों के ऊपर fir के संबंध में इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन आगरा की विशेष बैठक ima भवन पर आहूत हुई ।अध्यक्ष डा अनूप दीक्षित ने कहा कि किसी भी सूरत मैं चिकित्सकों के ऊपर पुलिस की ऐसी कार्यवाही स्वीकार नहीं की जायेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि डॉक्टर्स पर बिना सीएमओ का बोर्ड बैठाये कोई fir नहीं होगी और इस सिविल प्रकरण में कैसे ४२० का मुक़दमा दर्ज हुआ। इसकाआईएमए घोर विरोध करता है।
सचिव डा रजनीश ने कहा कि बहुत अन्याय हो रहा है और हमारे चिकित्सक साथी को भी ऐसे ग़लत लोगों के ऊपर मुक़दमा करना चाहिए।
अध्यक्ष निर्वाचित डा पंकज नगायच ने कहा की आईएमए के सभी लगभग पौने २ हज़ार सदस्य अपने साथियों के साथ है एवं किसी भी सूरत तक आईएमए जाने को तैयार है।
डा अर्पित अग्रवाल ने तथ्यपूर्ण रखते हुए बताया कि कैसे ग़लत तरीक़े से उनके ऊपर fir की गई और इनको भी अख़बार के माध्यम से पता लगा पहले ।डा अनिल अग्रवाल ने कहा कि किसी भी जाँच की लिमिटेशंस होती हैं और ये fir किसी ना किसी दबाव मैं की गई है ।
डा संजय चतुर्वेदी ने कहा कि हमेशा से ईमानदारी से कार्य करने वाले चिकित्सकों को फ़साने के प्रयास होते हैं ।आईएमए सदैव संघर्षरत रही है अपने सदस्यों के लिए ।
डा मुनीश्वर ने कहा कि ये ग़लत नज़ीर बन रही है कोई भी ऐसे तो चिकित्सकों पर ग़लत आरोप लगाएगा और पुलिस मान लेगी आईएमए पूरा विरोध करता है इसका।
डा सुनील शर्मा ने कहा कि और भी अन्य चिकित्सकों पर fir हुई हैं और आईएमए इसका विरोध करता है क़ानूनी दृष्टिकोण की उन्होंने रखा और बताया किन परिस्थितियों मैं fir की जाती है और वो परिस्थितीयान नहीं मानी गई। ना ही कोर्ट का आदेश है और ना ही सीएमओ की रिपोर्ट का आधार ।
डा सुधीर ढाकरे ने बताया कि कहीं कोई संगठित गिरोह तो नहीं जो मिल कर कई चिकित्सकों को फँसा रहा है इस बात को भी पुलिस ध्यान देना होगा।
डा दीपिका गुप्ता ने पैथोलॉजी की रिपोर्ट्स के संबंध मैं उनपर प्रकाश डाला ।बैठक मैं डा मुकेश भारद्वाज डा ललित गुप्ता डा मानवेंद्र शर्मा डा अपराजिता डा रणवीर त्यागी इत्यादि सहित दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे

प्रस्ताव जो पारित हुए

प्रशासन को ४८ घंटे का अल्टीमेटम की fir वापस हो और संबंधित थाना हरिपर्वत के पुलिस अधिकारी का निलंबन या ट्रांसफ़र।

४७ घंटे बाद संघर्ष समिति फिर बैठक कर . की रूप रेखा बनाएगी।

ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इस हेतु कमिश्नर पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की प्रति के साथ प्रत्येक थानेमें पत्र अग्रसित हो ।

चिकित्सकों के ऊपर कोई भी केस या उससे संबंधित किसी भी प्रकार के विवाद की जानकारी तुरंत इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन को दी जाये एवं आईएमए पदाधिकारियों को साथ लिया जाए!

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