देश – चचेरे भाई ने माता-पिता के अपमान पर उतारा मौत के घाट, तीन माह‌ तक सोशल मीडिया से ली थी ट्रेनिंग – #NA

Ghaziabad News :
गाजियाबाद कमिश्नरेट के निवाड़ी थाने की पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक एक सप्ताह पूर्व माली मिथलेश की हत्या उसी के चचेर भाई ने अपने माता- पिता के अपमान का बदला लेने के लिए की थी। पुलिस ने देर रात मुठभेड़ के बाद हत्यारोपी अमित को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल बरामद करने का दावा किया है। मुठभेड़ में पुलिस ने उसे पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया है। एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि अमित उर्फ विकास को उपचार के लिए जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मिथलेश ने चाचा पर छोड़ दिया था हाथ

एसीपी ज्ञानप्रकाश राय के मुता‌बिक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में माली मिथलेश अमित के ताऊ धर्मपाल का बेटा था। अमित ने बताया कि जमीन- जायदाद के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद के दौरान पिता श्याम सिंह ने मिथलेश को समझाया तो उसने पिता पर हाथ छोड़ दिया था, इसके अलावा वह मेरी मां का भी अपमान कर चुका था। अमित ने बताया कि माता-पिता का अपमान मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था और उसी दिन से मिथलेश को मौत के घाट उतारने की ताक में रहता था।

तीन माह तक ली पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग

अमित ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि पिस्टल खरीदने के बाद उसने सोशल मीडिया की मदद से पिस्टल चलाना सीखा। करीब तीन माह तक पिस्टल चलाने का अभ्यास करने के बाद मिथलेश की रेकी की। वह माली का काम करता था और काम पर साइकिल से जाता था। काम पर आते- जाते अमित ने कई बार उसकी हत्या की कोशिश की लेकिन हर बार वह भीड़ के चलते बच जाता था। शुक्रवार को सोनिया विहार रेगुलेटर के पास घेरकर उसने मिथलेश पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया।

गंगनहर पर मिला था मिथलेश का शव

निवाड़ी के अबूपुर गांव निवासी 33 वर्षीय मिथलेश ऑर्डिनेंस फैक्टरी में माली की नौकरी करता था। एक सप्ताह पूर्व गंगनहर स्थित सोनिया विहार रेगुलेटर के उस गोली लगा शव बरामद हुआ था। उसके पिता ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। निवाड़ी थानाध्यक्ष गजेंद्र भाटी के नेतृत्व पुलिस टीम ने मुठभेड़ में हत्यारोपी अमित उर्फ विकास को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा करने का दावा किया है।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button