देश – प्रदूषण के चलते हवा हुई जहरीली, गैस चैंबर बना लोनी, ग्रैप का पालन करते तो ना होती ऐसी स्थिति – #NA

Ghaziabad News :
करीब एक सप्ताह तक खराब श्रेणी में रहने के बाद लोनी का एक्यूआई अति गंभीर (सीवियर) श्रेणी में चला गया। यदि हमने ग्रैप लागू होने की कोई परवाह की होती और अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया होता तो ऐसी स्थिति न आती। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार शाम को लोनी में एक्यूआई 406 दर्ज किया गया। गाजियाबाद की बात करें तो एक्यूआई 316 रहा। इस साल गाजियाबाद के किसी भी क्षेत्र में दर्ज एक्यूआई में यह आंकड़ा सबसे ऊपर है। अब तक हवा केवल खराब श्रेणी में पहुंची थी, अब बहुत खराब में पहुंच गई। सीधे शब्दों में कहें तो लोनी की हवा जानलेवा हो गई।

इन लोगों को खास सतर्कता की जरूरत

सीपीसीबी के रिपोर्ट के मुताबिक लोनी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 406 दर्ज किया गया। बता दें कि 400 से अधिक एक्यूआई गंभीर श्रेणी में माना जाता है। ऐसे में स्वस्थ्य व्यक्ति को भी गले में खराश, आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। बच्चों, बुजुर्गों, गभवती और बीमारों के लिए तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। सांस के मरीज इस मौसम में अपना खास ख्याल रखें। सुबह और शाम घर से बाहर न निकलें। बाहर निकलते मास्क का प्रयोग करें और नियमित अंतराल पर पानी पीकर खुद हाईड्रेट रखें।

क्या कहती है सीपीसीबी की रिपोर्ट

लोनी में एक्यूआई 406 (अति गंभीर), वसुंधरा में 344 (बहुत खराब), संजय नगर में 289 (खराब) और इंदिरापुरम में 254 (खराब) दर्ज किया गया। लोनी में वायु गुणवत्ता में उछाल का कारण औद्योगिक गतिविधि, वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन, जगह- जगह कूड़ा जलाना और निर्माण कार्य हैं। हवा की गति मंद पड़ने से प्रदूषण की समस्या और बढ़ गई। भीड़भाड़ वाले इलाके भी प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं,। सड़कों पर जाम के कारण वाहन अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर का उत्सर्जन करते हैं।

मौसम को भी जिम्मेदार मानते हैं अधिकारी

गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा का कहना है कि एक्यूआई में बृद्धि होने का बड़ा कारण मौसम है। ठंड बढने और हवा मंद पड़ने के कारण प्रदूषण की सतह बन गई। लोनी की वायु गुणवत्ता में वृद्धि मेंऔद्योगिक गतिविधियों, वाहनों और पाबंदी के बावजूद चल रहे निर्माण कार्य भी बड़ा कारण हैं। लोनी में घनी आबादी भी एक बड़ा कारण है। सड़कों पर वाहनों की अधिक संख्या जाम का कारण बनती है और जाम के चलते वाहन अधिक उत्सर्जन कर वायुमंडल को गंदा करते हैं।

आमजन से सहयोग की अपील

उन्होंने कहा कि यूपीपीसीबी प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। उन्होंने आमजन से भी अपील की हैं निर्माण कार्य, खुले में पड़ी निर्माण सामग्री, बिना ढके कूड़े का ढुलान और कूड़ा जलाने जैसी गतिविधियों पर नजर रखें और यदि कहीं ऐसा होता देखें तो फोटो या वीडियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजें, हम जांच के बाद सख्त कार्रवाई करेंगे।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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