यूपी- UP: क्रेन चलाने वाले की एक गलती और चली गई सब इंस्पेक्टर की जान, हादसे की कहानी – INA
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के नकहा रेलवे क्रॉसिंग के पास बीते गुरुवार को हादसे में एसएसबी के एक इंस्पेक्टर की मौत हो गई थी. जबकि बाइक चला रहे दूसरे इंस्पेक्टर घायल हो गए. मामले में पुलिस ने काम करवा रही फर्म अर्जित ट्रेडर्स के मालिक अर्जित अग्रवाल, क्रेन चालक पवन, साइट इंचार्ज सुखपाल सिंह और क्रेन मलिक मनजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था. पुलिस ने साइट इंचार्ज को बुलाकर पूछताछ की और उसे थाने से ही मुचलके पर छोड़ दिया, जबकि क्रेन चालक की तलाश चल रही है.
नकहा रेलवे क्रॉसिंग के पास ओवर ब्रिज का निर्माण चल रहा है. उसी क्रम में ट्रक से गॉर्डर मंगाया गया था. गॉर्डर को ट्रक से उठाकर क्रेन से नीचे रखने का काम शुरू हुआ था. क्रेन चालक को लोड का अंदाजा नहीं लग पाया, जिसके चलते चेन का हुक टूट गया और और हादसा हो गया. घटना में गॉर्डर के नीचे दबने से एसएसबी के इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह कोठारी (48 वर्ष)की जान चली गई थी. विजेंद्र उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले थे, जबकि बाइक चला रहे बंगाल की सिलीगुड़ी निवासी इंस्पेक्टर मलय कुंडू घायल हो गए.
चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज
इस घटना में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था. उसी क्रम में साइट इंचार्ज सुखपाल सिंह से पुलिस ने पूछताछ कर बाद मुचलके पर चिलुआताल थाने से छोड़ दिया. एसपी नार्थ जितेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि मामले में जांच चल रही है. इंस्पेक्टर विजेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के बाद एसएसबी को सौंप दिया गया. एसएसबी के जवान उनके शव को लेकर देहरादून स्थित घर लेकर चले गए.
घटना के बाद भी जिम्मेदारों ने कोई सीख नहीं ली. निर्माणाधीन ओवर ब्रिज के पास दुर्घटना होने के बाद भी सुरक्षा मानक का पालन नहीं हो रहा है. सड़क के दोनों तरफ सरिया पसरा हुआ है. रिफ्लेक्टर भी नहीं लगाए गए हैं, ताकि लोगों को कुछ अंदाजा हो सके. यह सड़क सिंगल लेन है और यहां पर हर वक्त लोगों का आवागमन होता रहता है. पास में फर्टिलाइजर है. एसएसबी का कार्यालय भी है. इसके अलावा कई मोहल्ले भी हैं. बरगदवा से जेल बाईपास रोड तक फोरलेन सड़क बन रही है उसी के तहत ओवर ब्रिज का निर्माण नकहा में चल रहा है.
जिस गॉर्डर से दुर्घटना हुई थी वह अभी वहीं पड़ा हुआ है. पास में ट्रक पर भी गॉर्डर लदे हैं. क्रेन भी पास में ही है और हर वक्त लोगों का आना-जाना अब भी लगा हुआ है. कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं बनाया गया है. लोगों कहना है कि वैकल्पिक रास्ता तो जब निर्माण कार्य शुरू हुआ उसी समय बना देना चाहिए था. प्रशिक्षित गार्ड भी की तैनाती नहीं की गई है. फर्टिलाइजर कॉलोनी के रहने वाले कान्हा तिवारी का कहना है इस रास्ते को सख्ती से बंद कर वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था कर लोगों को उपलब्ध करवाना चाहिए. अन्यथा इससे भी बड़ा हादसा हो सकता है.
इस संबंध में सेतु निगम के रिटायर्ड जीएम दीपक गोयल ने बताया कि जहां भी काम होता है. वहां सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. कार्य स्थल पर सुरक्षा घेरा बनाकर प्रशिक्षित गार्डो की तैनाती होनी चाहिए. जो भी सुरक्षा गार्ड हो वह ट्रैफिक पुलिस से प्रशिक्षित होना चाहिए. यही नहीं तकनीकी खामियां भी दिख रही हैं. जिस क्रेन से गॉर्डर उतारा जाता है, उसका परीक्षण होना बहुत जरूरी है. हुक का टूटना गंभीर बात है. ऐसा तभी संभव है जब वह बहुत पुराना हो या उसमें जंग लगा हो. इसके साथ ही यदि चार- पांच टन का गॉर्डर है तो उसके लिए 25 टन से कम का क्रेन का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
क्या कहते हैं सेतु निगम के जीएम?
सेतु निगम के जीएम मिथिलेश कुमार का कहना है कि सुरक्षा के लिए जो भी मानक होते हैं, उसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश काम शुरू होने के समय ही दे दिया जाता है. नकहा ओवरब्रिज पर जो घटना हुई है, उसमें उसका पालन हुआ था कि नहीं, इसकी जांच करवाई जा रही है. सड़क के आसपास जो भी निर्माण सामग्री फैली हुई है उसकी अभी जानकारी नहीं है. उसका पता करवा कर उसे हटाया जाएगा.
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