खबर शहर , मिनी इंडिया बनी काशी : 648 पंडालों में उमड़ा आस्था का सैलाब, रात भर जागे लोग; भक्तों ने शक्ति को किया नमन – INA
दुर्गा सप्तशती के ओजस मंत्र, होठों पर जय माता दी… का जयकारा लगाती भक्तों की टोली। रतजगा करती काशी की सड़कों पर हर तरफ श्रद्धालुओं का रेला ही रेला था। सड़क से लेकर गलियों तक श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
रात ढलने के साथ ही जिले के 648 पंडालों में माता का दर्शन करने वालों की अनवरत कतार लगी रही। बंगाली पंडालों में ढाक और धुनुची नृत्य से मां की आराधना हो रही थी। कहीं मां कामाख्या का मंदिर तो कहीं आदियोगी, कहीं दक्षिण भारतीय शैली के पंडाल तो कहीं केदारनाथ धाम का स्वरूप जब पंडालों में नजर आया तो मानों काशी में हर किसी को लघु भारत की झलक नजर आई।
गुरुवार की शाम को भगवान सूर्य के अस्ताचलगामी होते ही शहर की सड़कें और दुर्गा पंडाल रंगीन रोशनी से नहा उठे। माता के पंडालों की भव्यता निहारने और मां दुर्गा की प्रतिमाओं के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगे। सात बजते-बजते शहर की सड़कों और गलियों में जाम जैसी स्थिति हो गई।