यूपी – UP: युवक की बीमारी से मौत के बाद घरवालों की काली करतूत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला ऐसा सच; पुलिस भी हैरान – INA

मथुरा के महावन बीमारी से मरे युवक की हत्या दिखाकर परिजनों ने पुरानी दुश्मनी निकालने के लिए आठ लोगों को नामजद कर दिया। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, यहां से उन्हें जेल भेज दिया, लेकिन विवेचना में वादी पक्ष का झूठ उजागर हो गया। पुलिस ने जांच कर षड्यंत्र के तहत झूठे साक्ष्यों पर निर्दोष लोगों को फंसाने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो रिश्तेदारों की तलाश जारी है।

एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने शनिवार को बताया कि 2 अगस्त को थाना महावन के गांव नगला हरजीवन निवासी श्रीपाल नामक युवक की मौत हो गई थी। मृतक युवक के भाई राजपाल ने पुलिस को बताया कि उसके भाई को नगला कलावती के रहने वाले लाला उर्फ अनिल, मुकेश, ओमी, राधे, बिल्लू, दिनेश, हरीशा, गुड्डा ने गले में फंदा लगाकर मार दिया। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। एसएसपी ने मामले के खुलासे के लिए स्थानीय पुलिस के साथ स्वाट टीम, सर्विलांस को भी लगाया।

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जांच में पता चला पूरा सच
विवेचना में पता चला कि दोनों पक्षों के बीच रंजिश चल रही है। युवक की मौत से दो दिन पहले भी उनका झगड़ा हुआ था। श्रीपाल की मृत्यु बीमारी के कारण हुई लेकिन अपने विरोधी पक्ष को फंसाने के लिए उन्होंने इसे हत्या का रूप दिया। पुलिस ने इसमें दोनों पक्षों की मोबाइल लोकेशन, युवक के बीमारी से संबंधित कागजात, डॉक्टरों के बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जब अध्ययन किया तो मामला कुछ गड़बड़ लगा। पुलिस का दावा है कि वादी पक्ष से कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और पुलिस के सामने पूरा सच बता दिया।

 


आरोपियों को भेजा गया जेल
एसएसपी ने बताया कि वादी पक्ष ने बीमारी से मरे युवक की हत्या में षड्यंत्र, फर्जी साक्ष्य के आधार पर पुलिस को गुमराह करने वाले नगला हरजीवन निवासी वादी राजपाल, राजेश, दिलीप और थाना रिफाइनरी के गांव मदनपुरा निवासी प्रवीन को गिरफ्तार कर लिया जबकि रूपकिशोर और ललित की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

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एंबुलेंस में बनाया मृतक युवक के गले में गमछे से निशान
थाना प्रभारी निरीक्षक डेजी पवार ने बताया कि पूछताछ में मृतक युवक के परिजन ने बताया कि जब वह एंबुलेंस से अस्पताल जा रहे थे, उस समय गमछा से मृतक युवक के गले पर निशान बनाया ताकि पुलिस को लगे कि रस्सी से गला दबाकर हत्या की है। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट समेत अन्य जांच रिपोर्ट का गहनता से अध्ययन किया तो पूरा सच उजागर हो गया। पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए एक सैकड़ा से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तब जाकर मामले का खुलासा हुआ।

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पुलिस खोज ही लेती है सच्चाई
एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस के इस खुलासे से लोगों में संदेश जाएगा कि कोई पुलिस को गुमराह नहीं कर सकता है। कुछ समय के लिए जांच प्रभावित जरूर हो जाती है लेकिन अंत में पुलिस सच्चाई खोज लेती है और गुमराह करने वाले को सजा मिलती है।


Credit By Amar Ujala

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