खबर शहर , Ropeway Varanasi: कैंट- रथयात्रा पर पांच, गिरजाघर पर 13 डिग्री तक झुका रहेगा रोपवे का टावर, वजह जान लें – INA

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक रोपवे के सभी टावर बन गए हैं। जल्द ही ट्रायल रन की प्रक्रिया शुरू होगी। गंडोला को संतुलित रखने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए रोपवे के चार टावर को पांच डिग्री तक तो एक टावर को 13 डिग्री तक झुकाया गया है। यानी यात्रा के समय गंडोला झुकता हुआ . बढ़ेगा। इससे यात्री सुरक्षित रहेंगे।

इस वजह से झुकाया गया टावर

टावर नंबर दो कैंट स्टेशन पर बनाया गया है। इसमें पांच डिग्री तक झुकाव है। इसी तरह रथयात्रा पर राहिल रेस्टोरेंट के पास बने टावर नंबर 16, रथयात्रा स्टेशन पर टावर नंबर 17 और थियोसॉफिकल सोसाइटी के पास स्थित टावर नंबर 20 पांच डिग्री तक झुकाए गए हैं। गिरजाघर के पास बने टॉवर नंबर 27 को 13 डिग्री तक झुकाया गया है। इस तकनीक के प्रयोग से रोपवे चलने के दौरान प्राकृतिक बलों, जैसे गुरुत्वाकर्षण और हवा के साथ बेहतर तालमेल बनाने में मदद मिलती है। इससे केबल और टावर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।

इस तकनीक से बेहतर होगा रोपवे का संचालन  


कार्यदायी संस्था नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड की प्रोजेक्ट मैनेजर पूजा मिश्रा ने बताया कि रोपवे प्रणाली में झुके हुए टावर की आवश्यकता होती है। इससे रोपवे का संचालन बेहतर हो जाता है। टावर की संरचना के जरिये ही केबल से आने वाले भार को समान रूप से विभाजित कर दिया जाता है। इससे टावर सुरक्षित रहता है। उसकी स्थिरता में सुधार होता है। ऐसा करना पूरे सिस्टम को चलाने के लिए जरूरी है। टावर का झुकाव सिस्टम को कुशलतापूर्वक काम करने के लिए आवश्यक तनाव और कोण को बनाए रखने में मदद करता है। स्विटजरलैंड में कुछ रोपवे के निर्माण में तो कुछ टावर को 45 डिग्री तक झुकाया जाता है।

क्या बोले प्रोजेक्ट मैनेजर
प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि रोपवे के टावर तैयार करते समय कई तकनीकी पक्ष देखे जाते हैं। इसमें केबल का तनाव, फैलाव की लंबाई (टावरों के बीच की दूरी), निकासी की आवश्यकता शामिल है। यह भी देखा जाता है कि जहां टावर बनना है, वहां जमीन की मिट्टी कैसी है। जमीन की सतह से कितना नीचे पानी मिल रहा है। जलभराव की स्थिति कैसी है। इसके अलावा, भार (केबिन/यात्री/सामग्री), पर्यावरणीय पक्ष (हवा, बर्फ, आदि)। इन सभी स्थितियों का ठीक से परीक्षण करने के बाद ही टावर तैयार किए जाते हैं।  


Credit By Amar Ujala

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