खबर शहर , विश्व मधुमेह दिवस 2024: कमर के साइज से जानें डायबिटीज होगी या नहीं…महिला और पुरुष के लिए ये हैं संकेत – INA

कमर का बढ़ता आकार बीमारियों की दस्तक दे रहा है। महिलाओं की कमर 35 और पुरुषों की कमर का आकार 40 हुआ तो मधुमेह का खतरा तीन गुना तक है। ऐसे लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग भी मिल रहा है। आगरा डायबिटीज फोरम के अध्ययन में इन बीमारियों के लिए खराब फिटनेस, प्रदूषण, प्रदूषित भोजन सामग्री, डिब्बा बंद सामग्री को बड़ी वजह बताया है।

फोरम के सचिव डॉ. सुनील बंसल ने बताया कि मधुमेह के मरीजों मेें करीब 30 फीसदी महिलाओं की 35 इंच और पुरुषों की कमर 40 इंच से ज्यादा है। इनमें उच्च रक्तचाप और हृदय रोग भी मिल रहा है। आगरा में मधुमेह के करीब 9 फीसदी मरीज हैं, जिनमें 5.5 फीसदी शहरी और 3.5 फीसदी ग्रामीण हैं। इतने ही प्री-डायबिटीज के मरीज हैं। हाल ये है कि 25-40 साल के 30 फीसदी मरीज हैं, जो 10-15 साल पहले आंकड़ा आधे से भी कम था। इनके पीछे फास्ट फूड, प्रदूषण, फल-सब्जी में कीटनाशक का उपयोग, धूम्रपान-एल्कोहल, डिब्बाबंद सामान, खराब फिटनेस मुख्य वजह हैं।

 



प्लास्टिक-पॉलीथिन का उपयोग भी वजह
 एसएन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि प्लास्टिक-पॉलीथिन में भोजन सामग्री फिट लोगों को भी मधुमेह मरीज बना रहा है। पाॅलीथिन में दूध, चाय समेत अन्य गर्म सामग्री भी लाते हैं। पानी की बोतल-टिफिन भी प्लास्टिक के हैं। लगभग हर घर में प्लास्टिक-पॉलीथिन में खानेपीने का सामान का उपयोग कर रहे हैं। इनमें बिस्फेनॉल ए रासायन मिलता है, जो पैनिक्रियाज में पहुंचकर नुकसान पहुंचाता है। 161 गर्भवती महिलाओं में इसके दुष्प्रभाव का अध्ययन करने पर 30 से क उम्र की 60.67 फीसदी, 30-40 साल की 2.25 फीसदी को जेस्टेशनल मधुमेह मिला।

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कच्चा दूध पीने से 15 फीसदी में प्री-डायबिटीज
एसएन मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि पशुओं का कच्चा दूध पीने वाले शिशु और युवाओं में टाइप वन-डायबिटीज मिल रही है। कच्चे दूध में माइकोबैक्टेरियम एवियम पैरा ट्यूबरक्लोसिस (मैप) होता है जो टीबी के कीटाणु से मिलता-जुलता है। ये शरीर में पहुंचकर एंटीबाॅडी बनाता है और इंसुलिन बनाने के शैल को नष्ट करता है। प्री-डायबिटीज के मरीजों में 15 फीसदी की वजह कच्चा दूध पीना मिला है। खासकर बचपन और युवाओं है।

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ये करें:
– वजन न बढ़ने दें, कमर के आकार को नियंत्रित करें।
– 3-5 किमी पैदल चलें, छोटी दूरी पर जाने को साइकिल चलाएं।

– तला-फास्ट फूड भोजन से पेट भरना बंद करें। धूम्रपान न करें।
– 30 की उम्र के बाद मधुमेह की जांच कराएं।

– मोटा अनाज, फल, हरी सब्जी और सलाद अधिक उपयोग करें।
– प्लास्टिक-पॉलीथिन में खाने पीने के सामान का उपयोग बंद करें।


Credit By Amar Ujala

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