देश – अबॉर्शन कराने के लिए Ex Boss को फंसाया, पांच करोड़ मांगे, और फिर… – #NA
Ghaziabad News :
गाजियाबाद से एक बड़ी सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। एक युवती ने अबॉर्शन की इजाजत के लिए एक्स बॉस पर न केवल रेप का आरोप लगा दिया, बल्कि मुकदमा वापस लेने के लिए पांच करोड़ की डिमांड भी की और डिमांड पूरी न करने पर जेल भी भिजवा दिया। बाद में पुलिस कमिश्नर से शिकायत पर हुई जांच में मामले की सच्चाई खुली। कारोबारी की शिकायत पर युवती को जेल भेज दिया गया, अब लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।
22 सप्ताह की गर्भवती थी युवती
बॉय फ्रेंड के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाली यह शातिर युवती 22 सप्ताह की गर्भवती थी। भारतीय कानून के मुताबिक इतने दिनों के गर्भ का अबॉर्शन नहीं कराया जा सकता, लेकिन गर्भ दुष्कर्म का परिणाम हो तो कानून 24 माह तक अबॉर्शन कराने की इजाजत देता है। इसी कानून का लाभ उठाने के लिए युवती ने अपने एक्स बॉस पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी। युवती दिल्ली की रहने वाली थी, उसने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी।
बुराड़ी थाने में दर्ज कराई थी एफआईआर
युवती ने कारोबारी के खिलाफ दिल्ली के बुराड़ी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 4 फरवरी, 2023 को दर्ज कराई गई एफआईआर में युवती की ओर से आरोप लगाया गया था कि उसके बॉस ने 10 मई, 2022 को वैशाली स्थित फ्लैट में लेकर जाकर नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बाद गलत हरकत की, उसके बाद 16 जून, 2022 को फ्लैट में हथियार दिखाकर रेप किया। बुराड़ी थाना पुलिस ने घटनास्थल के गाजियाबाद में बताए जाने के चलते जीरो एफआईआर दर्ज कर कौशांबी थाने को ट्रांसफर कर दी। कौशांबी थाना पुलिस ने मामले में कारोबारी को जेल भेज दिया।
मुकदमा वापस लेने के मांगे थे पांच करोड़
आरोप है कि युवती ने कारोबारी से मुकदमा वापस लेने की एबज में पांच करोड़ की डिमांड की थी, लेकिन कारोबारी ने रकम नहीं दी और युवती की एफआईआर पर कारोबारी को जेल जाना पड़ा। कारोबारी का आरोप है कि उसके जेल जाने के बाद पुलिस ने केस कमजोर करने के नाम पर पत्नी से 32 लाख रुपये ऐंठ लिए। अब कारोबारी ने मामले में आरटीआई दाखिल की तो पुलिस ने जांच में पांच पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आने की जानकारी दी। बताया गया है कि पुलिस आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही है, लापरवाही के आरोपी पुलिसकर्मियों को नोटिस भेजा गया है।
94 दिन बाद मिली थी जमानत
कारोबारी को जेल जाने के बाद जमानत पाने में 94 दिन लग गए। जमानत पर जेल से छूटने के बाद कारोबारी पुलिस कमिश्नर अजय मिश्र से मिला और पूरी बात उनके सामने रखी, जरूरी साक्ष्य भी दिखाए। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। जांच में कारोबारी पर लगाए गए आरोप गलत पाए गए। इतना ही नहीं जांच में कौशांबी के तत्कालीन थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मियों पर भी लापरवाही का आरोप है।
इन पांच पुलिसकर्मियों पर हैं आरोप
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल के मुताबिक जांच में कौशांबी के तत्कालीन थानाप्रभारी प्रभात दीक्षित, एसआई अंकित तरार, गिरीराज सिंह, अनिल यादव और रीगल देशवाल की लापरवाही सामने आई है। मामले में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, सभी को नोटिस भेजा गया है उन्होंने बताया कि मामले की जांच एसीपी कराई गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर कारोबारी के खिलाफ मामले में एफआर लगाई गई और युवती समेत दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया था।
पीड़ित ने आरटीआई में ली जानकारी
मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर कारोबारी ने राइट टू इंफोर्मेशन (आरटीआई) एक्ट के तहत पुलिस से जानकारी मांगी थी। पीड़ित के अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस के द्वारा 3 नवंबर को जानकारी उपलब्ध कराई है। यदि जल्द ही आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई नहीं होती तो कारोबारी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्हें झूठे केस में 94 दिन की जेल काटने का हिसाब लेना है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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