खबर शहर , UP: झांसी मेडिकल कालेज अग्निकांड के बाद नींद से जागे विभाग, फायर एनओसी नहीं तो निरस्त होगा अस्पताल का लाइसेंस – INA

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज की विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसूयी) में आग लगने से 10 शिशुओं की जिंदा जलकर माैत हो गई। घटना के बाद अधिकारी नींद से जागे हैं। अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग दुकान, घर और बेसमेंट में बने अस्पतालों की सोमवार से जांच करेंगे। जिन अस्पतालों की पहले से एनओसी ली गई थी। उनको भी देखा जाएगा। आग से बचाव के इंतजाम पूरे नहीं होने और एनओसी नहीं होने पर लाइसेंस को निरस्त कराया जाएगा।

झांसी की घटना ने आगरा में अस्पतालों में अग्निशमन इंतजाम पर सवाल खड़े किए हैं। शहर के गली-मोहल्लों की बात करें तो दुकान, घरों से लेकर बेसमेंट और काॅम्प्लेक्स में अस्पताल संचालित हो रहे हैं। इनमें आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी हैं। अग्निशमन उपकरणों के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि शासनादेश के मुताबिक, सभी अस्पताल की फायर एनओसी अनिवार्य है। सोमवार से चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। शहर के अलग-अलग इलाकों में अस्पतालों को चेक किया जाएगा। एनओसी लेने के बाद मानक पूरे नहीं किए जाते हैं तो लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट भेजी जाएगी। जो अस्पताल बिना एनओसी के चलते मिलेंगे, उनको सील कराया जाएगा।

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लापरवाही से हो सकता है हादसा
संचालक फायर विभाग से एनओसी लेने के बाद इंतजामों की देखरेख तक नहीं करते हैं। बाहर जाने वाले आपातकालीन मार्ग अतिक्रमण से अवरुद्ध हो जाता है। पानी के टैंक पर ध्यान नहीं दिया जाता है। पंप को चलाकर नहीं देखते हैं। फायर सिस्टम पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है। हादसा होने पर उपकरण काम नहीं करते हैं। जिले में 430 अस्पताल स्वास्थ्य विभाग से पंजीकृत हैं। इनमें से 302 अस्पताल की एनओसी है। बिना एनओसी के 128 अस्पताल संचालित हो रहे हैं।

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जूता कारखानों, केमिकल गोदामों में अग्निकांड
अस्पताल ही नहीं, जूता और केमिकल गोदामों में अग्निकांड की घटनाएं हो चुकी हैं। 8 महीने पहले मंटोला में दो केमिकल गोदाम में आग लगी थी। आसपास के घरों को भी नुकसान हुआ था। शाहगंज, सिकंदरा, एत्माद्दाैला, लोहामंडी, ताजगंज, ट्रांस यमुना इलाके में जूता कारखाने, गत्ता फैक्टरी, केमिकल गोदाम में अग्निकांड की घटना हो चुकी हैं। शहर में जूते की फैक्टरी से लेकर छोटे कारखाने खुले हुए हैं। घरों और निजी भवनों में बिना फायर एनओसी धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। अग्निशमन विभाग ने जूता और गत्ता की तकरीबन 250 फैक्टरी को ही एनओसी दी हैं, जबकि छोटे कारखानों की संख्या 1 हजार से अधिक है। अग्निकांड के बाद अधिकारी जांच की खानापूर्ति करते हैं।

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सराफा बाजार में चांदी कारखानों पर रोक नहीं
प्रमुख सराफा बाजार किनारी बाजार, नमक की मंडी में बड़े स्तर पर चांदी सफाई के कारखाने संचालित हो रहे हैं। रघुनाथ प्लाजा सहित कई बहुमंजिला इमारतों में भट्ठी चल रही हैं। तेजाब तक का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। पूर्व में एक कारखाने में तेजाब से कारीगरों की माैत हो चुकी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेकर पुलिस और अन्य विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इनमें भी संबंधित विभाग से एनओसी नहीं ली जाती है। चांदी के कारखाने अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं।


Credit By Amar Ujala

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