खबर शहर , बदलाव: BHU अब समर्थ पोर्टल से नहीं लेगा PhD में दाखिले, विश्वविद्यालय प्रशासन अब अपने पोर्टल पर भरवाएगा फॉर्म – INA

बीएचयू में इस बार समर्थ पोर्टल से पीएचडी में एडमिशन नहीं होगा। प्रक्रिया में कठिनाई और ढेरों कन्फ्यूजन के चलते बीएचयू अब अपने पोर्टल बीएचयू ऑनलाइन से फॉर्म भरवाएगा। हालांकि, एनटीए ने अभी तक बीएचयू को नेट-जेआरएफ के क्वालिफाइड छात्रों की सूची नहीं सौंपी है। जैसे ही सूची आएगी, वैसे ही एडमिशन शुरू हो जाएंगे। फिलहाल, एनटीए से होने वाले एमओयू पर काम चल रहा है। दूसरा बड़ा अपडेट ये है कि संबद्ध कॉलेजों के जो प्रोफेसर पहले से ही पीएचडी करा रहे हैं, उन्हें इस बार रिसर्च स्कॉलर नहीं मिलेंगे।

अपर परीक्षा नियंत्रक प्रो. जीपी सिंह ने बताया कि इस सत्र के पीएचडी एडमिशन में सभी चार संबद्ध कॉलेजों के 100 से ज्यादा सीटों पर एडमिशन होना है। इनमें सिर्फ उन्हें ही शामिल किया गया है, जिनके पास कोई रिसर्च स्कॉलर नहीं है। रिसर्च स्कॉलर वाले सुपरवाइजर को पीएचडी होना जरूरी है। नॉन पीएचडी असिस्टेंट प्रोफेसर पीएचडी नहीं करा सकेंगे। कई मामलों में देखा जाता है कि सुपरवाइजर के पास तीन साल का अनुभव हो।

क्लास कॉलेज में और परीक्षा मेन कैंपस में होगी


बीएचयू पीएचडी में इस साल पहली बार चार संबद्ध कॉलेजों को शामिल करने का फैसला लिया गया है। हालिया एकेडमिक काउंसिल की बैठक में फैसले पर मुहर लगाया गया था। बताया गया था कि डीएवी पीजी कॉलेज, आर्य महिला पीजी कॉलेज, राजघाट के वसंत कन्या महाविद्यालय और कमच्छा के वसंत कॉलेज में नई व्यवस्था लागू होगी। चयनित पीएचडी छात्रों की प्री-पीएचडी बीएचयू मेन कैंपस के संबंधित विभाग में होगी। वहीं, बाकी कोर्स वर्क, रिसर्च, लैब वर्क और क्लासेज कॉलेजों में चलेंगी। सिर्फ परीक्षाएं ही बीएचयू में होंगी।

ये व्यवस्थाएं होंगी

  • हर तरह का वित्तीय भार कॉलेज ही वहन करेगा।
  • कॉलेज के किसी भी छात्र को बीएचयू की ओर से फेलोशिप नहीं मिलेगी।
  • कॉलेज खुद ही उनके फेलोशिप की व्यवस्था करेगा।
  • हेल्थ केयर, लाइब्रेरी और हॉस्टल जैसी सुविधाओं के लिए बीएचयू पर क्लेम नहीं किया जा सकता।
  • कॉलेज सुपरवाइजर से बात करके पीएचडी स्कॉलर्स को सीटिंग अरेंजमेंट कराएंगे।
  • थीसिस की फीस बीएचयू में जमा की जाएगी।


Credit By Amar Ujala

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