यूपी – Hathras News: माइनर हुआ ओवरफ्लो, 60 बीघा फसल में भरा पानी, किसान परेशान – INA

सहपऊ क्षेत्र के गांव नगला मनी के खतों से गुजरने वाली पीहुरा रजबहा से निकली माइनर 19 नवंबर रात पुलिया में कचड़ा भरने से ओवरफ्लो हो गई। इससे आसपास की  करीब 60 बीघा आलू की फसल पानी से लबालब हो गई। खेतों में पानी भरने की जानकारी किसानों को सुबह हुई। 

पीहुरा रजबहे से जुड़े माइनर में 19 नवंबर को पानी आ गया। नगला मनी के पास माइनर व पुलियों की सफाई न होने की वजह से कचड़ा पुलिया में फंस गया। इस पानी . बढ़ने के जगह ओवरफ्लो होकर पटरी व आसपास के खेतों में भरने लगा। इसकी जानकारी किसानों कों  20 नवंबर की सुबह खेतों पर पहुंचने पर हुई। जैसे ही किसानों ने खेतों को पानी से भरा देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। 
गांव नगला मनी के किसानों की करीब 60 बीघा आलू के खेतों में पानी भर गया। इनमें से लायक सिंह नेताजी की 15 बीघा, रविंद्र सिंह व योगेंद्र सिंह की चार-चार बीघा, बालकिशन और बनवारी की तीन-तीन बीघा फसल में पानी भर गया। किसानों ने बताया है कि माइनर ओवफ्लो होने की सूचना उन्होंने सिंचाई विभाग को दी थी, लेकिन इसके बाद भी मौके पर न कोई कर्मचारी पहुंचा है और न ही कोई अधिकारी। इसको लेकर क्षेत्रीय किसानों में काफी नाराजगी थी। किसानों खुद ही कचड़े से अटी पड़ी पुलिया से कचड़ा हटाकर पानी के . बढ़ने की व्यवस्था की। 


मैंने इस बार 15 बीघा आलू की फसल की थी। अब सारे खेत में पानी भर गया है। इससे लाखों रुपये का नुकसान है। – लायक सिंह नेताजी, नगला मनी।
इस बार 12 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से चार बीघा खेत पट्टे पर लिया था, जिसमें आलू बोए हैं। अब इस खेत में पानी भर गया है। पानी भरने से सारी फसल खराब हो जाएगी। – ओमवीर सिंह, नगला मनी।
हमारे चार बीघा खेत में पानी भर गया है। इससे आलू की फसल तो पूरी तहर बेकार हो जाएगी। दूसरी फसल बोने के लिए भी रुपये खर्च होंगे। – अशोक कुमार, नगला मनी।
मेरी चार बीघा आलू की फसल माइनर का पानी ओवरफ्लो होने की वजह से खराब हो गई। जो दो बीघा खेत शेष बचा है उसमें भी कुछ हिस्से में पानी भर गया है। – योगेंद्र सिंह, नगला मनी। 

खेतों में माइनर को पानी भरने से किसानों को लाखों की लगी चपत
सहपऊ के नगला मनी में दस से अधिक किसानों के खेत में पानी भर गया है। इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान है। किसानों ने बता है कि एक बीघा आलू करने में करीब 25 हजार रुपये का लागत आती है। शुरुआत में ही 10 से 15 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। किसानों का कहना है कि जिन खेतों में पानी भर गया है, उनको सूखने में समय लगेगा। क्यारियां पानी से लबालब है इस वजह से आलू खराब हो जाएगा।


Credit By Amar Ujala

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