मुगलसराय में जीआरपी की टीम ने चार संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। लगभग 48.856 किलोग्राम चांदी के आभूषण बरामद

मुगलसराय में जीआरपी (गृह रक्षक पुलिस) की टीम ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए प्लेटफार्म संख्या 1/2 पर फुट ओवर ब्रिज से चार संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। उनके पास से लगभग 48.856 किलोग्राम चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं, जिनके पास कोई वैध कागजात नहीं थे।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर स्थित मुगलसराय में जीआरपी (गृह रक्षक पुलिस) की टीम ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए प्लेटफार्म संख्या 1/2 पर फुट ओवर ब्रिज से चार संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। उनके पास से लगभग 48.856 किलोग्राम चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं, जिनके पास कोई वैध कागजात नहीं थे।

इस कार्रवाई का उद्देश्य अपराध तथा अपराधियों पर अंकुश लगाना है। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में चलाए जा रहे चेकिंग अभियान के तहत प्लेटफार्मों के अलावा ट्रेनों में भी नियमित रूप से जांच की जा रही है। इस संदर्भ में, गुरुवार अपराह्न को जीआरपी की टीम ने फुट ओवर ब्रिज पर संदिग्धों की गतिविधियों पर दृष्टि रखते हुए उन्हें रोकने का निर्णय लिया।

जांच के दौरान, संदिग्धों द्वारा लाए गए पिट्ठू बैग में भारी मात्रा में चांदी के आभूषण पाए गए। जब उनकी पहचान और वैधता की पुष्टि के लिए पूछताछ की गई, तो उन सबके पास बरामद आभूषणों के किसी भी प्रकार के कागजात नहीं थे। ऐसे में जीआरपी ने उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए संदिग्धों को थाने लाया और आयकर विभाग की टीम को उनकी उपस्थिति में सभी आभूषण सौंप दिए।

जीआरपी प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि इस बरामद चांदी की कुल लागत लगभग 45 लाख रुपये आंकी गई है। वे इस सफलता को उनकी टीम की सतर्कता और समर्पण का परिणाम मानते हैं। जीआरपी की कार्रवाई में शामिल सिपाहियों में एसआई जितेंद्र कुमार मौर्या, हेड कॉन्स्टेबल ऋषिकांत सिंह सेंगर, शक्ति सिंह, कॉन्स्टेबल हरिश्चन्द्र दुबे एवं राहुल यादव शामिल थे।

यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि जीआरपी लगातार अपराधियों पर नकेल कसने के लिए संकल्पित है। इस प्रकार की चेकिंग से न केवल संदिग्ध गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है, बल्कि यह यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों में यात्रा कर रहे आम नागरिकों का विश्वास भी बढ़ाता है।

महत्वपूर्ण यह है कि समय-समय पर इस तरह की कार्रवाइयों से सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। आगे भी इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे ताकि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेने का साहस न कर सके।

इस घटना से यह भी संकेत मिलता है कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सजग रहने की आवश्यकता है, क्योंकि चोरों और अपराधियों के नेटवर्कों को नष्ट करना नितांत आवश्यक है। पुलिस प्रशासन की प्रयासों से हम समाज में शांति और सुरक्षा की स्थिति बनाए रखने में सफल हो सकते हैं।

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