यूपी – बड़ी कार्रवाई: एएमयू के छह छात्र निलंबित, तीन पूर्व छात्र पांच साल के लिए डिबार, यह है मामला – INA

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कुलपति कार्यालय का घेराव, उनकी कार को घेरने और हमला करने के आरोपी छह छात्रों को निलंबित और तीन पूर्व छात्रों को डिबार कर दिया गया है। छात्रसंघ चुनाव कराने और कक्षाओं में शून्य उपस्थिति (कक्षा में आने की अनिर्वायता न हो) व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर छात्र 21 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने छह घंटे तक हंगामा किया था। इसके बाद कुलपति के निर्देश पर छात्रों पर मुकदमा हुआ। निलंबन और डिबार करने की कार्रवाई हुई है। 

ये हुए निलंबित
अनुशासनहीनता के आरोप में बीआर्क के छात्र मिस्बाह कैसर निवासी मोहल्ला मौला टोला, पटियाली कासगंज, एमए मास कम्युनिकेशन के छात्र जकी उर्रहमान निवासी हिफाजुर रहमान कासमी मंजिल सराय संभल, एमए समाजशास्त्र के मोहम्मद अदील खान निवासी हाफिजो वली मस्जिद कोट गरवी संभल, एमए वीमेंस स्टडीज के छात्र मोहम्मद दानिश निवासी पुरानी चुंगी अनूपशहर रोड अलीगढ़, शोधार्थी अदीब अहमद निवासी तैयब कॉलोनी नगला का मल्लाह, इरफान उल शब्बीर निवासी पुंछ जम्मू-कश्मीर को निलंबित कर दिया गया। 
ये हुए पांच साल के लिए डिबार
इसी तरह पूर्व छात्र (सेमेस्टर बैक) एमए इतिहास के पारस मोहम्मद निवासी पाली रजापुर, बीपीईएड छात्र मोहम्मद शोएब, बीए इतिहास के छात्र मोहम्मद सलमान अली को पांच साल के लिए डिबार कर दिया गया है। यह डिबार वर्ष 2025-26 से लागू होगा। 


प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि यह कार्रवाई कुलपति के आदेश पर की गई है। बृहस्पतिवार को कुलपति कार्यालय में हुए हंगामे के बाद प्रॉक्टर कार्यालय के सुरक्षा अधिकारी इरफान अहमद खान ने थाना सिविल लाइंस में जानलेवा हमला, कार रोकने, सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने, अभद्र भाषा का इस्तेमाल सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। दानिश, इरफान, अदील, शोएब, पारस, फव्वाद, अरशद, सलमान, अदीब पर यह मुकदमा दर्ज कराया गया था। छात्रों ने कुलपति कार्यालय में छह घंटे तक हंगामा किया था। 

बाबे सैयद पर दिया धरना, पुलिस फोर्स रही तैनात 
मुकदमा दर्ज होने और निलंबन कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार को एएमयू छात्रों ने बाबे सैयद पर धरना देकर विरोध जताया। इस दौरान बाबे सैयद पर पुलिस फोर्स तैनात रही। छात्रों ने सोमवार से शुरू होने वाली सेमेस्टर की परीक्षा का बहिष्कार करने की रणनीति बनाई। 

छात्रों ने कहा कि उन पर हमला करने का आरोप लगाया जा रहा है, जो गलत है। शून्य हाजिरी और छात्रसंघ चुनाव को लेकर वे लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बात कुलपति से कहने नहीं दी जा रही है। अलबत्ता, कुलपति को छात्रों पर कार्रवाई करने के लिए गुमराह किया जा रहा है। छात्रों ने कहा कि अपनी बात यूनिवर्सिटी प्रशासन से नहीं कहेंगे, तो किससे कहेंगे। मगर कुछ प्रशासनिक अधिकारी ऐसा नहीं चाहते हैं। इस संंबंध में प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि छात्रों ने जो हरकतें की हैं, वह सही नही हैं। इसलिए कार्रवाई की गई है।


Credit By Amar Ujala

Back to top button