खबर शहर , मझवां विधानसभा : इस सीट से 1996 में शुचिस्मिता के ससुर भी रह चुके हैं विधायक, BJP के टिकट पर जीते थे रामचंद्र – INA

मझवां विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जीत हासिल करने वाली शुचिस्मिता मौर्य के ससुर रामचंद्र मौर्य भी भाजपा विधायक रह चुके हैं। रामचंद्र ने 1996 में भाजपा के टिकट पर ही मझवां से चुनाव जीता था। अब उनकी बहू ने दूसरी बार जीत हासिल करके कमल खिलाया है। शुचिस्मिता के नाम ही मझवां से पहली महिला विधायक बनने का रिकॉर्ड है। अब दूसरी बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बन गया। रामचंद्र का निधन हो चुका है।  

मझवां विधानसभा सीट लंबे समय तक सुरक्षित सीट थी। वर्ष 1974 में यह सामान्य हुई। अब तक कांग्रेस ने सबसे अधिक आठ बार चुनाव जीता था। बसपा ने पांच बार, भाजपा ने तीन बार, जनसंघ, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और निषाद पार्टी ने एक- एक बार चुनाव जीता है। 2017 से सीट भाजपा के पास है।
2022 के चुनाव में भाजपा ने शुचिस्मिता को प्रत्याशी नहीं बनाया था, लेकिन उन्होंने बगावत नहीं की। पार्टी का आदेश माना और कार्यकर्ता की तरह क्षेत्र में काम करती रहीं। इसी का नतीजा रहा कि भाजपा ने उन्हें उपचुनाव में दोबारा प्रत्याशी बनाया। अब चुनाव जीतकर शुचिस्मिता विधायक बन गई हैं। 


जिला निर्वाचन अधिकारी ने विजयी प्रत्याशी को दिया प्रमाण पत्र

मझवां विधानसभा उपचुनाव में मतगणना के बाद डीएम व जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन ने भाजपा की विजयी प्रत्याशी शुचिस्मिता मौर्य को प्रमाण पत्र प्रदान किया। नव निर्वाचित विधायक ने मतगणना शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी, मतगणना कार्य में लगे सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष व सकुशल ढंग से संपन्न कराने में सभी का सहयोग महत्वपूर्ण रहा। 

मझवां से लोकपति त्रिपाठी जैसे दिग्गजों ने लड़ा और जीता चुनाव

मझवां सीट से दिग्गजों ने चुनाव लड़ा और जीता था। लोकपति त्रिपाठी, रुद्र प्रसाद सिंह व भागवत पाल जैसे नेता यहां से विधायक रहे हैं। सब सरकार में मंत्री भी बने थे। इस सीट से 1952 में कांग्रेस के बेचन राम जीते थे। 1957 व 1960 में भी वही विजयी रहे। 1962 में भारतीय जनसंघ के राम किशुन ने जीत हासिल की थी।

इसके बाद 1967 और 1969 में कांग्रेस के बेचन राम चुनाव जीतने में कामयाब हो गए। इसी तरह 1974 में कांग्रेस के रुद्र प्रसाद सिंह, 1977 संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के शिवदास, 1980 व 1985 में कांग्रेस के लोकपति त्रिपाठी चुनाव जीते थे। 1989 में जनता दल के रुद्र प्रसाद, 1991 में बसपा के भागवत पाल, 1993 में बसपा के भागवतपाल, 1996 में भाजपा के रामचंद्र मौर्य, 2002, 2007 व 2012  में बसपा के डॉक्टर रमेश चंद बिंद ने चुनाव जीता था। 2017 में भाजपा के टिकट पर शुचिस्मिता मौर्य ने चुनाव जीता तो 2022 में निषाद पार्टी के डॉ. विनोद बिंद ने चुनाव जीत लिया। 


Credit By Amar Ujala

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