यूपी- UP के इस गांव में हर घर को फ्री में मिलेगी बिजली, लेकिन कैसे? – INA
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक गांव ऐसा है, जहां अगले दो महीने के अंदर हर घर सौर बिजली से रोशन हो जाएंगे. इस गांव में कुल 540 घर हैं और सरकार ने इन सभी घरों में फ्री में सोलर पैनल लगाने का फैसला किया है. हालांकि अभी अड़चन यह है कि इनमें से 520 घरों में ही बिजली कनेक्शन है. ऐसे में पहले बाकी बचे 20 घरों में बिजली कनेक्शन कराने के आदेश दिए गए हैं. योजना के मुताबिक हर घर में दो किलोवॉट के पैनल लगेंगे. इसमें हर घर पर करीब एक लाख 20 हजार की लागत आएगी. इसमें से 90 हजार रुपये तो बतौर सब्सिडी आ जाएगी, वहीं बाकी के 30 हजार रुपये सीएसआर फंड से जमा कराए जाएंगे.
गाजियाबाद के सीडीओ अभिनव गोपाल के मुताबिक यह योजना पाइलट प्रोजक्ट के तौर पर गाजियाबाद के कुम्हैड़ा गांव में शुरू होने जा रही है. यदि यह पाइलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो गाजियाबाद जिले के सभी गांवों में और फिर उत्तर प्रदेश के सभी गांवों में इसे लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत यहां के सभी 540 घरों को फ्री बिजली आपूर्ति की जानी है. बड़ी बात यह कि इसके लिए किसी भी परिवार से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा.
सीएसआर फंड से जमा होगा लोगों का अंशदान
सीडीओ अभिनव गोपाल के मुताबिक इस गांव अभी तक 520 घरों में बिजली का कनेक्शन पहले से है. इसलिए योजना पर काम शुरू करने से पहले बाकी बचे 20 घरों में बिजली कनेक्शन कराया जा रहा है. यह काम पूरा होते ही सोलर पैनल लगाने वाली कंपनियों से बात कर पैनल लगाने का काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि दो किलो वॉट का पैनल लगाने में कुल लागत एक लाख 20 हजार रुपये की आएगी. इसमें से 90 हजार रुपये सरकार की ओर से सब्सिडी मिलना है. वहीं मकान मालिक को 30 हजार रुपये खर्च करने होते हैं.
फ्री हो जाएगी 540 घरों की बिजली
सरकार की योजना के मुताबिक जो 90 हजार रुपये की सब्सिडी आनी है, उसे बैंक से लोन कराया जाएगा और सब्सिडी आते ही इस राशि को रिंबर्स करा दिया जाएगा. इसी प्रकार जो 30 हजार रुपये मकान मालिक को देनी है, उसका भुगतान सीएसआर फंड से करा दिया जाएगा. इससे किसी भी मकान मालिक को एक रुपया भी खर्च नहीं करना होगा और उसके घर की बिजली अगले 25 साल के लिए फ्री हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सोलर पैनल से पैदा होने वाली पूरी बिजली लोग खर्च कर सकेंगे, यदि बिजली बचती है तो वह अपने आप ग्रिड में चली जाएगी. वहीं यदि कोई परिवार पैनल से पैदा होने वाली बिजली से ज्यादा खर्च करता है तो वह ग्रिड की बिजली से ले सकेगा.
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