हर प्रकार की बीमारी के इलाज का दावा करने वाले झोलाछाप भोले-भाले लोगों को बीमारियां बांट रहे हैं। ये मरीजों को सामान्य खांसी-बुखार में हैवी एंटी बाॅयोटिक और स्टेरॉयड दे रहे हैं। इससे मरीजों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल 90 से अधिक अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है। अस्पतालों में प्रसव से लेकर गर्भपात तक कराए जाते थे। इतना ही नहीं ये सामान्य बुखार खांसी और जोड़ों के दर्द के लिए मरीजों को हैवी एंटीबाॅयोटिक और स्टेरॉयड देते थे। छापे में इनके पास से एंटीबाॅयोटिक और स्टेरॉयड जब्त किए गए हैं। ये बच्चों के इलाज के लिए भी हैवी एंटीबॉयोटिक और स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते थे। इससे मरीजों की किडनी और लिवर आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन सभी झोलाछाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करते हुए अस्पताल बंद करा दिए हैं।
झोलाछाप डॉक्टर, अस्पताल की करें शिकायत
उन्होंने बताया कि किसी के आसपास झोलाछाप अस्पताल चल रहे है तो इसकी शिकायत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सीमएओ कार्यालय और स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर कर सकते हैं। शहर में हर 3 से 5 किमी की दूरी पर स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। इन केंद्रों पर मरीजों के लिए इलाज की निशुल्क व्यवस्था है। इसके अलावा एसएन मेडिकल कॉलेज, महिला चिकित्सालय और जिला अस्पताल में लोग निशुल्क इलाज करा सकते हैं।