शहरी विकास में नगर निगम सात सौ करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसके साथ ही रुके हुए विकास कार्यों को गति मिलने के साथ साफ-सफाई को भी बजट दिया गया है। पुनरीक्षित बजट को कार्यकारिणी की मंजूरी मिल गई है। बुधवार को नगर निगम में महापौर कार्यालय में महापौर की अध्यक्षता में पेश किए गए 697 करोड़ के बजट को मंजूरी मिली है।
इस दौरान समिति ने आय व व्यय के सभी बिंदुओं पर गहनता से चर्चा कर मंजूरी दी। बैठक में प्रमुख तौर पर सड़क-नाली, स्ट्रीट लाइट, साफ सफाई, गृहकर, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, पार्कों के टेंडर और मुख्यमंत्री की योजनाओं को लेकर दिए गए बजट पर चर्चा हुई है। बैठक में नगरायुक्त संजीव कुमार मौर्य, उपसभापति सर्वेश रस्तोगी सहित अन्य कार्यकारिणी सदस्य, अधिकारी मौजूद रहे ।
प्रमुख नालों की सफाई के लिए ढाई करोड़ का बजट
बैठक में मुख्य तौर पर प्रयागराज में शुरू होने वाले महाकुंभ की तैयारी को नगर निगम कितना तैयार है, इस पर चर्चा हुई है। शहर में बने 236 छोटे-बड़े नालों की साफ सफाई का मुद्दा उठा। इसमें दिए गए ढाई करोड़ के बजट में बताया गया कि नालों के पानी को जैविक तकनीक से साफ करने पर काम शुरू हो गया है। नगर निगम ने बॉयो रेमेडिएशन विधि का इस्तेमाल को आधार बनाकर प्लानिंग की है। इससे रामगंगा नदी का पानी प्रदूषित नहीं होगा।
महापौर उमेश गौतम ने कहा कि बॉयो रेमेडिएशन विधि तकनीक के लिए आठ नालों का चयन हुआ है। इनमें बड़ा नाला किला फूलबाग, जखीरा, इज्जतनगर, गायत्री नगर, कर्मचारी नगर नाले पर सिस्टम लग चुका है। वहीं अब किला, इज्जतनगर, हरूनगला, सुभाषनगर नालों पर यह व्यवस्था शुरू की जाएगी।