ठेला पर फल बेचने वाले व्यवसायी कर रहे है गुण्डई, घटतौली कर ग्राहकों से करते हैं मारपीट
🔵 सडक के किनारे ठेला व्यवसायियों का अवैध कब्जा, घटतौली कर ग्राहकों को लगा रहे है चूना,
🔵 जाम की समस्या का सबसे बडा कारण है सडक पर ठेला लगाने वाले व्यवसायी
🔴फल विक्रेता सडक पर अवैध कब्जा कर शासन – प्रशासन को दे रहे है चुनौती, क्या कर लेगी पुलिस करते है दावा
कुशीनगर । जनपद के पडरौना नगर के सुभाष चौक और तिलक चौक पर सडक के फुटपाथ पर स्थाई रूप से अवैध कब्जा करके ठेला लगाने वाले फल विक्रेताओं की गुण्डई चरम पर है। यह सडक पर न सिर्फ अवैध कब्जा कर शासन – प्रशासन को खुला चुनौती दे रहे है बल्कि दिन-दहाड़े ठेला पर बिकने वाली खाद्य सामग्रियों मे घटतौली कर आम लोगो को लूट रहे है। मजे कि बात यह है कि जब ग्राहक द्वारा इन दूकानदारो की चोरी रंगे हाथों पकड ली जाती है तो वहा सभी ठेला वाले इकट्ठा होकर ग्राहक से मारपीट करने पर उतारु हो जाते है। इन अवैध अतिक्रमणकारी दूकानदारो को बगल में स्थित पुलिस चौकी का भी कोई खौफ नही है सीधे दावा करते है पुलिस क्या करेगी, पैसा किस बात की लेती है।
काबिलेगौर है कि सूबे के वजीरेआला योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पर बीते वर्ष मई माह में पडरौना नगर सहित पूरे जनपद में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था। नतीजतन दिन मे पतली संकरी गली दिखने वाली सडकें चौडी हो गयी और फुटपाथों को पूरी तरह से साफ करा दिया गया, लेकिन दो महीने बाद ही इस अभियान की हवा निकल गयी। हुआ यह कि ठेला पर फल बचने वाले अतिक्रमणकारी अभियान को ठेंगा दिखाकर पूर्व के भाति सडको के किनारे फिर स्थाई रूप से अपना अवैध कब्जा बहाल कर लिया। यही वजह है कि पडरौना के सुभाष चौक और तिलक चौक सहित शहर के सभी प्रमुख सड़कों, बाजारों में अतिक्रमण से राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहना न होगा कि सबसे बुरा हाल नगर के सुभाष चौक व तिलक चौक का है यहां फल विक्रेताओं ने आधी सड़क पर अपना कब्जा जमा लिया है। सुभाष चौक से रामकोला रोड, कठकुईयां रोड, जिला मुख्यालय व शहर के अन्दर बाजार मे जाने वाली सडको के किनारे स्थित फल व्यवसायियों ने सारे नियम कानून तांक पर रख दिया है। यहां चार पहिया वाहनों के आवागमन से हर दस मिनट पर जाम की समस्या से राहगीरों को जुझना पडता है। यही हाल तिलक चौक का है। चौक से दरबार रोड जाने के लिए सडक के कोने पर स्थित फल व्यावसायी ने अपने फल की पूरी दूकान ही सडक पर सजा रखी है। इस दुकानदार की मनबढई तो देखिये जब उससे सडक पर अतिक्रमण किये जाने बात कोई कहता है तो दुकानदार ताल ठोकर बोलता है हमने बैनामा कराया है। यहा ठेला वाले तो बीच सडक पर ठेला पर अपना ठेला लगाते है। इसी तरह शहर के मेन रोड, धर्मशाला रोड पर तो फुटपाथ ही नहीं दिखते हैं। फुटपाथ के साथ सड़कें भी पार्किंग स्थल बन चुकीं है। यहां दुकानदार आधे सामान दुकानों के बाहर फुटपाथ पर रख देते हैं। इस रोड पर बडे कॉम्पलेक्स, कटरे व बैंक हैं मगर उनके पास पार्किंग के नाम जमीन ही नहीं है। इस कारण दुकानदार और वहां आने वाले ग्राहक सड़क पर ही अपना वाहन खडा करते है। जिससे यह सड़क सिकुड़ गली मे तब्दील जाती है और आने जाने वाले लोगों को हर दिन जाम की समस्याओं से जूझना पड़ता है। शहर के मुख्य पश्चिमी गंडक नहर से मेन बाजार और बावली चौक से सुभाष चौक तथा अम्बे चौक से जटहा रोड तक रात मे चौडी दिखने वाली सड़कें सुबह होते ही फुटपाथों पर अतिक्रमण होने से सिकुड़ जाती हैं।
🔴चोरी और सीनाजोरी, क्या करेगी पुलिस
सुभाष चौक पुलिस चौकी के ईर्द-गिर्द ठेला लगाकर फल बेचने वाले दुकानदार खुलेआम घटतौली कर ग्राहकों को लूट रहे है। इन दूकानदार को बगल में स्थित पुलिस चौकी का भी खौफ नही है। वह चोरी और सीनाजोरी की फलसफा को सीना ठोक कर चरितार्थ कर रहे है। घटतौली करने वाले ठेला पर फल बेचने वाले दुकानदारों की चोरी जब किसी ग्राहक द्वारा पकड ली जाती है तो वहा के अगल-बगल के फल विक्रेता भी इकट्ठा होकर ग्राहक से मारपीट करने पर उतारु हो जाते है। जब ग्राहक कोतवाली चलने की बात करता है तो यह दुकानदार ताल ठोकर बोलते है पुलिस क्या कर लेगी, पैसा किस बात कि लेती है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह फल व्यवसायी सुभाष चौक स्थित पुलिस चौकी के संरक्षण मे घटतौली करते है? क्या सुभाष चौक पुलिस चौकी इन फल विक्रेताओं से घटतौली करने के एवज में पैसा लेती है? सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन जिस तरह से सुभाष चौक ठेला पर फल बेचने वाले व्यवसायी खुलेआम घटतौली कर ग्राहको को लूट रहे है इससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि इन व्यवसायियों को पुलिस से तनिक भी खौफ नही है।
🔴सडको पर पर घूमते रहना चाहिए ठेला
जानकारों का कहना है कि हाथ से ढकेलने वाले ठेला पर समान रखकर एक जगह स्थाई रूप से बेचने का कोई प्रावधान नही है। ठेला पर समान (चाहे वह खाद्य पदार्थ हो या फिर अन्य) रखकर सडको पर घूमकर बेचने का नियम है। ताकि फुटपात पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए सुरक्षित हो और जाम की समस्या उत्पन न हो। लेकिन इसके विपरीत ठेला व्यवसायी सडक के फुटपाथ पर स्थाई कब्जा कर अपनी दुकान सजाकर शासन-प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे है।
🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य