Crime- छोटा राजन का ‘राइट हैंड’, हत्या- रंगदारी सहित 60 से अधिक केस, कौन है प्रेम प्रकाश जो जेल में बैठे-बैठे बना महामंडलेश्वर?

छोटा राजन का ‘राइट हैंड’, हत्या- रंगदारी सहित 60 से अधिक केस, कौन है प्रेम प्रकाश जो जेल में बैठे-बैठे बना महामंडलेश्वर?

अल्मोड़ा की जेल में 17 साल से बंद कुख्यात बदमाश प्रेम प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी अब महात्मा बन गया है. इस साल मार्च महीने में उसने नेपाल के प्रसिद्ध नाथ सम्प्रदायाचार्य दंडीनाथ जी महाराज से गुरु दीक्षा ली थी. वहीं अब इस बदमाश ने श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के थानापति राजेंद्र गिरि जी महाराज से दीक्षा ली है. इसी के साथ उसे जूना अखाड़े के करीब आधा दर्जन मंदिरों का महंत भी घोषित किया गया है. बड़ा सवाल यह कि इतना बड़ा बदमाश महात्मा कैसे बन गया? लेकिन, इससे पहले यह जानना जरूरी है कि ये प्रेम प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी उर्फ प्रकाशनाथ उर्फ प्रकाशानंद गिरी है कौन और इसके महात्मा बनने पर इतना बवाल क्यों है?

कहानी की शुरुआत 1992 की घटना से करते हैं. दरअसल नैनीताल कोतवाली पुलिस ने शहर में एक मोस्ट वांटेड अपराधी का पोस्टर चश्पा कराया था. नैनीताल में इस अपराधी के नाम शराब तस्करी और एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर फरार हो जाने का आरोप था. संयोग से उस समय मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अफसर छुट्टियां मनाने नैनीताल आए हुए थे. उन्होंने इस पोस्टर को देखा और कोतवाली पहुंच गए. उन्होंने कोतवाल से पूछा कि ये पोस्टर जो दीवारों पर लगाए गए हैं, क्या उसमें दिख रहे व्यक्ति को आप जानते भी हैं? इस सवाल पर कोतवाल चौंक गए, उन्होंने सवाल पूछने वाले व्यक्ति का परिचय पूछा और उस व्यक्ति ने जो खुलासे किए, उस कोतवाल के पैरों तले जमीन खिसक गई थी.

नैनीताल जेल से फरार होकर पहुंचा था मुंबई

उस अफसर ने बताया कि जिस आदमी को वह प्रकाश पांडेय बता रहे हैं, वह किसी गली का गुंडा नहीं, बल्कि देश के कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का राइट हैंड बंटी पांडेय उर्फ पीपी है. दरअसल क्राइम ब्रांच के वह अफसर भी बंटी पांडेय के पोस्टर नैनीताल में देखकर हैरान थे. दरअसल कुछ दिन पहले ही बंटी पांडेय मुंबई की आर्थर जेल से फरार हो गया था. जब उन्होंने नैनीताल के कोतवाल से पूछताछ की तो पता चला कि वही बंटी पांडेय कुछ साल पहले नैनीताल जेल से फरार हुआ था. इसके बाद कहानी आपस में जुड़ने लगी. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुंबई में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे. संयोग से उसी समय पीपी नैनीताल जेल से फरार होकर मुंबई पहुंचा था.

छोटा राजन गैंग में बना सेकंड ओहदेदार

उधर, मुंबई ब्लास्ट के बाद छोटा राजन और दाउद इब्राहिम के बीच टकराव हुआ और दोनों ने अपने रास्ते अलग कर लिए थे. इसके बाद पीपी छोटा राजन की गैंग में शामिल हो गया और बहुत कम समय में उसने गैंग में सेकंड ओहदेदार का रुतबा हासिल कर लिया. हालांकि कुछ समय बाद ही उसकी गिरफ्तारी हो गई, लेकिन वह आर्थर जेल से फरार होकर अपनी गर्लफ़्रेंड के साथ वियतनाम पहुंच गया. बाद में उसकी गिरफ्तारी भी वियतनाम से ही हुई. इसके बाद कुछ समय तक वह मुंबई की जेल में रहा और फिर उसे अल्मोड़ा लाया गया.

सौतेली मां के व्यवहार के चलते बन गया विद्रोही

बदमाश प्रकाश पांडे मूल रूप से अल्मोड़ा के खनौइया गांव का रहने वाला है, हालांकि बाद में वह परिवार के साथ रानीखेत आ गया. बचपन में ही उसकी मां का देहांत हो गया तो उसके फौजी पिता लक्ष्मी दत्त पांडे ने दूसरी शादी कर ली थी.इसके बाद प्रकाश पांडेय की सौतेली मां उसे प्रताड़ित करने लगी. इनके बीच के झगड़े इतने बढ़ गए कि प्रकाश ने गांव छोड़ दिया और कुछ दिन अपने मामा के घर रहा. मां की मौत और सौतेली मां के व्यवहार के चलते बचपन में ही उसके तेवर विद्रोही हो गए थे. एक दिन तो वह अपने स्कूल में अपने से दो क्लास सीनियर छात्र को क्लासरूम में ही बुरी तरह पिटाई कर दी. यह उसका पहला अपराध था और इसी अपराध के बाद उसका बन बढ़ गया.

18 की उम्र में होने लगी थी बड़े बदमाशों में गिनती

वह अवैध शराब के धंधे से लेकर लीसा की ब्लैक-मार्केटिंग, रंगदारी आदि का काम करने लगा. 18 साल की उम्र पूरी करने से पहले ही इस बदमाश का नाम अल्मोड़ा ही आसपास के कई जिलों के बड़ों गैंगस्टरों में होने लगी थी. रही कसर नैनीताल जेल तोड़ कर भागने की घटना ने पूरी कर दी. फिर वह मुंबई पहुंचा तो गैंगस्टर विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह इसकी दोस्ती हुई और इन्हीं बदमाशों ने पीपी की मुलाकात छोटा राजन से कराई. उसके बाद तो यह बदमाश अपने दमखम के बदौलत इंटरनेशनल डॉन बन गया. इस बदमाश ने विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह के साथ मिलकर जून 1998 में दाउद इब्राहिम की हत्या की भी योजना बनाई थी.

दाउद को मारने पहुंचा था पाकिस्तान

ये लोग दाउद के घर के पास भी पहुंच गए, लेकिन दाउद को भनक लग गई और इनका मिशन फेल हो गया था. इन्होंने दो साल बाद एक बार फिर दाउद की हत्या का प्लान बनाया, जब दाउद की बेटी मारिया का देहांत हुआ था, हालांकि उस समय भी ये लोग नाकाम रहे थे. इसके बाद तो नेपाल, मलेशिया, बैकॉंक, पाकिस्तान और कीनिया में इनके बीच कई बार गैंगवार हुए और दर्जनों लोग मारे गए थे. बंटी पांडे उस समय खासतौर पर चर्चा में आया था जब साल 2007 में उसने शाहरुख खान से रंगदारी मांग ली थी. उस समय शाहरुख की फिल्म ओम शांति ओम बंपर कमाई कर रही थी. इसके बाद बंटी उर्फ पीपी ने महाराष्ट्र के शिव सागर रेस्टोरेंट में फायरिंग करते हुए सिक्योरिटी गार्ड को गोलियों से छलनी कर दिया था. इसके बाद इस बदमाश ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के एसीपी राजबीर सिंह की दिन दहाड़े हत्या की.

पहले दंडीनाथ महाराज ने दी गुरु दीक्षा

बीते 17 साल से यह बदमाश जेल में है. नेपाल के प्रसिद्ध नाथ सम्प्रदायाचार्य दंडीनाथ जी महाराज का कहना है कि जेल जाने के बाद प्रकाश ने अपने बुरे कर्मों की प्रायश्चित की है. वह कारावास अविध में लगातार साधना करना है. उसकी साधना को देखते हुए उन्होंने इसी साल मार्च महीने में उसे गुरु दीक्षा दी थी. इसके बाद उसका नामकरण प्रकाश नाथ के रूप में किया था. इस गुरु दीक्षा के बाद ही जब उसके पिता का निधन हुआ तो वह गेरुआ वस्त्र में हल्द्वानी आया था. हालांकि उस समय बात आई गई हो गई.

जूना अखाड़े से गुरु दीक्षा पर बवाल

अब चूंकि सनातन धर्म के सबसे बड़े जूना अखाड़े ने उसे गुरु दीक्षा दी है. खुद थानापति राजेंद्र गिरी महाराज ने जेल में पहुंच कर उसे गुरु दीक्षा देकर उसका नामकरण प्रकाशानंद गिरी के रूप में किया है. यही नहीं, जूना अखाड़े के गंगोत्री भैरव मंदिर, गंगोलीहाट के लंबकेश्वर महादेव मंदिर, मुनस्यारी में कालिका माता मंदिर और काला मुनि मंदिर समेत आधा दर्जन मंदिरों का महंत भी घोषित कर दिया है. ऐसे में बवाल मच गया है. जूना अखाड़े के थानापति राजेंद्र गिरि महाराज का कहना है कि दीक्षा के बाद आगे की प्रक्रिया साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ में पूरी होगी.


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