धर्म-कर्म-ज्योतिष – Onam 2024: आज से शुरू हुआ केरल का प्रसिद्ध त्योहार ओणम, जानें इसकी पौराणिक कहानी और इसका महत्व #INA

Onam 2024: भारत के केरल राज्य में ओणम त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. दस दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में केरल की समृद्ध खूबसूरत संस्कृति सम्मिश्रण देखने को मिलता है. पर्व मुख्य रूप से फसलों की कटाई के समय आने वाले इस त्योहार तो केरल के सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है. इन दिनों आपको दक्षिण भारत में नौका दौड़ (वल्लम कली), नृत्य (कथकली, थुम्बी थुल्लल), और अन्य खेल प्रतियोगिताएं भी देखने को मिलती है. ओणसद्या के दिन विशेष भोजन के रूप में परोसा जाता है, इसमें केले के पत्तों पर परोसे गए 26 से अधिक प्रकार के पकवान होते हैं.

ओणम की कहानी (Onam Story)

ओणम की पौराणिक कथा महाबली राजा से जुड़ी हुई है, जो केरल के महान और न्यायप्रिय राजा माने जाते हैं. मान्यता है कि महाबली के शासनकाल में राज्य में शांति, समृद्धि और सुख-समृद्धि का दौर था. भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर महाबली का राज्य छीना, लेकिन उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि वे हर वर्ष ओणम के दिन अपने प्रजा से मिलने धरती पर आ सकते हैं. इस दिन महाबली के स्वागत के लिए लोग घरों में सुंदर फूलों की रंगोलियाँ (पुक्कलम) बनाते हैं, घर की सजावट करते हैं और विशेष भोजन ‘ओणसद्या’ तैयार करते हैं.

ओणम का महत्व (Importance of Onam)

ओणम केरल में फसल का मौसम होने के कारण कृषि का भी प्रतीक है. इस दौरान किसान अपनी फसल काटते हैं और ओणम के त्योहार पर प्रसाद के रूप में भगवान को चढ़ाते हैं. ये त्योहार केरल की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है. यह त्योहार लोगों को एकजुट करता है और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है. इसमें भगवान विष्णु और राजा बलि की पूजा की जाती है.

ओणम कैसे मनाया जाता है? (How to Clebrate Onam)

ओणम का पहला दिन अथम कहलाता है. इस दिन घरों की सफाई की जाती है और नए कपड़े खरीदे जाते हैं. इन दस दिनों में तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. चिथरा अट्टम एक लोकप्रिय नृत्य है जो ओणम के दौरान किया जाता है. ओणम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा पूकलाम है. यह फूलों से बनी एक रंगीन आकृति होती है. लोग अपने घरों के आंगन में और सार्वजनिक स्थानों पर पूकलाम बनाते हैं. जो पकवान इस त्योहार पर बनते हैं उसे सद्या कहते हैं. सद्या में कई तरह के व्यंजन होते हैं, जैसे कि अवियल, पायसम, और संभार. इस समय केरल के कई हिस्सों में नाव दौड़ का आयोजन किया जाता है जिसे वल्लम काली कहते हैं. ओणम का त्योहार न केवल कृषि की समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह केरल की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है. इस त्योहार के दौरान सभी वर्गों और धर्मों के लोग एक साथ आकर आनंद मनाते हैं, जो इसे और भी खास बनाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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