धर्म-कर्म-ज्योतिष – Lakshmi Puja With Gold Coin: दीवाली के दिन सोने के सिक्के से देवी लक्ष्मी की इस तरह करें पूजा, भर जाएगी तिजोरी #INA
Lakshmi Puja With Gold Coin: अधिकांश हिंदू परिवार दीवाली के दौरान सोना खरीदना पसंद करते हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से, दीवाली के समय सोना खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि यह मां लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी को घर बुलाने के समान होता है. दीवाली पर सोना खरीदने की यह परंपरा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है. गहनों के अलावा, दीवाली के दौरान सोना खरीदने के लिए सबसे पसंदीदा वस्तुएं सोने के सिक्के होते हैं. भारत में, दीवाली के लिए विशेष रूप से लक्ष्मी माता के चित्र वाले सोने के सिक्के बनाए जाते हैं. इन सिक्कों के एक तरफ माँ लक्ष्मी की मूर्ति उकेरी जाती है और दूसरी तरफ “श्री” का चिन्ह होता है. कुछ सिक्कों में लक्ष्मी जी के साथ भगवान गणेश और कभी-कभी देवी सरस्वती के चित्र भी बनाए जाते हैं.
लक्ष्मी पूजा में सोने का उपयोग (Use of gold in Laxmi Puja)
नया खरीदा गया सोना लक्ष्मी पूजा के दौरान उपयोग होता है और इसे एक कृत्रिम घर जिसे हटरी कहा जाता है, उसमें रखा जाता है. हटरी को मिट्टी या चांदी से बनाया जाता है. लक्ष्मी पूजा के दौरान नया सोने का सिक्का देवी लक्ष्मी की नाभि पर चिपकाया जाता है, जिसमें सिंदूर और शुद्ध घी से तैयार किया गया एक चिपकाने वाला पदार्थ प्रयोग किया जाता है.
सोना खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurta to buy gold)
जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए हिंदू मुहूर्त देखते हैं, वैसे ही दीवाली पर सोना खरीदने के लिए भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है. पुष्य नक्षत्र और धनतेरस, दीवाली के दौरान सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ दिन माने जाते हैं. पुष्य नक्षत्र देवी लक्ष्मी का जन्म नक्षत्र होने के कारण लक्ष्मी को घर लाने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. पुष्य नक्षत्र के दौरान सोना और सोने के आभूषण खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. विशेषकर जब यह नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है तो गुरु-पुष्य योग और रविवार को पड़ता है तो रवि-पुष्य योग बनता है. वैदिक ज्योतिष में, गुरु पुष्य और रवि पुष्य को सभी प्रकार की खरीदारी के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है.
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पुष्य नक्षत्र और धनतेरस का महत्व (Importance of Pushya Nakshatra and Dhanteras)
ज्यादातर सालों में, पुष्य नक्षत्र धनतेरस से कुछ दिन पहले पड़ता है और इस दिन को दीवाली की खरीदारी के लिए प्राथमिकता दी जाती है, जिसमें सोना, नए कपड़े और आभूषण शामिल होते हैं. पुष्य नक्षत्र के दिन, ज्यादातर आभूषण की दुकानें अतिरिक्त भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतजाम करती हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि पुष्य नक्षत्र के दिन धनतेरस की तुलना में अधिक सोने के सिक्के बेचे जाते हैं. हालांकि, धनतेरस के दिन चांदी के सिक्के, कलश, कटोरे, चम्मच, गिलास और लक्ष्मी-गणेश की चांदी की मूर्तियां अधिक खरीदी जाती हैं. पुष्य नक्षत्र के अलावा, धनतेरस सोना खरीदने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है और इसे अक्षय तृतीया जितना ही शुभ माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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