खबर फिली – Danger लंका को पटखनी देने वाले ‘Singham’को इन Gen-Z टर्म ने किया परेशान – #iNA @INA

बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन इन दिनों अपनी फिल्म ‘Singham Again’ को लेकर चर्चा में हैं. रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स की इस ‘एंडगेम’ को काफी पसंद किया जा रहा है. फिल्म एक्शन से भरपूर है इसलिए लोगों को पसंद भी आ रही है, हालांकि इस फिल्म में रामायण रेफरेंस और किरदारों को उस तरह से शोकेस करने के मैकर्स के आइडिया को उतनी कामयाबी नहीं मिल पाई है. कई लोगों का मानना है कि इस फिल्म में अगर रामायण का रेफरेंस ना भी होता तो भी ये फिल्म काम करती, बल्कि शायद ज्यादा काम करती.

फिल्म में सिंघम और उनकी पत्नी का किरदार मिडिल ऐजेड दिखाया है. इन किरदारों को निभाया है करीना कपूर और अजय देवगन ने. दोनों एक 17-18 साल के बेटे के प्राउड पेरेंट्स हैं. फिल्म में कई बार कई सारे जेन्जी टर्म का इस्तेमाल हुआ है जिनका मतलब जानने के बाद तो सिंघम भी अपना सिर खुजाने लगते हैं. सिंघम के ऑन स्क्रीन बेटे का किरदार निभाया है वीरेन वजीरानी ने. जिनको वीरेन का काम याद नहीं उनके लिए सुष्मिता सेन की ‘आर्या’ में वीर का किरदार निभाने वाले एक्टर हैं वीरेन.

जेन्जी दुनिया के Gen-z टर्म

वीरेन के किरदार शोर्य को ये लगता है कि उसके माता-पिता को उसे थोड़ी प्राइवेसी देनी चाहिए. वीरेन के किरदार शोर्य के जरिए फिल्म में एक पूरी जेनरेशन को ये बताया गया है कि रामायण केवल एक कहानी नहीं बल्कि भारत का इतिहास है. जहां फिल्म में करीना कपूर का किरदार ‘अवनी’ अपने बेटे को अपनी संस्कृति से जोड़ना चाहता है वहीं शोर्य भी अवनी और सिंघम को ये बताता है कि उसकी जेन्जी दुनिया में आजकल क्या-क्या चलता है. शोर्य अपने पापा को कई ऐसे टर्म का मतलब बताता है जिनको आज की तारीख में जेन्जी टर्म कहा जाता है और हमारे घर के बच्चे भी इन टर्म का इस्तेमाल करते हैं लेकिन हमें बिल्कुल सिंघम की तरह वो बातें समझ नहीं आती.

बातें सुन सिर खुजाने लगता है सिंघम

अजय देवगन का किरदार सिंघम, अपने बेटे से कई टर्म जैसे- बेंचिंग, घोस्टिंग, सिचुएशनशिप का मतलब समझते हैं, फिर रवि किशन के किरदार के साथ चाय पर उनकी चर्चा करते हैं. वो कहते हैं कि मेरे बेटे की गर्लफ्रेंड है, तो रवि किशन छूटते ही कहते हैं कि अच्छा वो रिलेशनशिप में है. इस बात का जवाब देते हुए अजय का किरदार कहता है कि नहीं, वो तो सिचुएशनशिप में है. फिर अजय कहते हैं कि ये क्या होता है? तो अजय उनको समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन पूरी तरह समझा नहीं पाते, ऐसे ही रवि किशन उन्हें घोस्टिंग का मतलब बताते हैं कि इसमें अचानक बात करते-करते कोई एक गायब हो जाता है. इसके बाद बेंचिंग का मतलब बताया जाता है, लेकिन लाख समझने के बाद भी दोनों किरदार ये पूरी तरह से समझ नहीं पाते कि आखिर इस जेनरेशन में हर बात इतनी कॉम्पलीकेटिड क्यों है.

इस सीन से कुछ ऐसा भी सीख सकते हैं

फिल्म की ये बात एक अलग तरह का पर्सपेक्टिव दिखाती है. कई बार हमें जिन चीजों के बारे में पता नहीं होता, भले हमारे किसी अपने के लिए वो चीजें कितनी ही खास हों और हमें समझाईं जाएं लेकिन फिर भी हमें वो बातें काफी अजीब लगती हैं. इसके पीछे एक सिम्पल का फलसफा ये है कि जैसे हमारी मिलेनियल जेनरेशन और उसके बाद वाले लोगों के लिए जेन्जी की बातें समझना मुश्किल है, वैसे ही जेन्जी के लिए भी हमारी जेनरेशन की कुछ बातें समझना मुश्किल हो सकता है.


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