दुनियां – अमेरिका या ईरान… हिजबुल्लाह को कहां से मिली इजराइल पर हमले की ताकत? – #INA
हिजबुल्लाह इजराइल पर कभी भी हमला कर सकता है. इसके लिए लेबनान के इस आतंकी संगठन ने बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि लेबनान के बेरुत एयरपोर्ट को हिजबुल्लाह हथियारों के एक डिपो के तौर पर तैयार कर रहा है. उधर अमेरिका ने जो खुफिया रिपोर्ट सौंपी है वह और भी चौंकाने वाली है. इसमें बताया गया है कि अगर हिजबुल्लाह और इजराइल आमने-सामने आए तो जंग में ईरान की एंट्री भी होगी.
हिजबुल्लाह ने इजराइल को धमकी दी है कि अगर गाजा में संघर्ष विराम नहीं किया गया तो वह इजराइल से सीधे युद्ध लड़ेगा. यह चेतावनी खुद संगठन के चीफ हसन नरसल्लाह ने दी है. इसमें ये भी कहा गया है कि हिजबुल्लाह के बाद नए हथियार और खुफिया क्षमताएं भी हैं जो इजराइल को सबक सिखा सकती हैं. इसके बाद से ही ये सवाल उठने लगा है कि अब तक इजराइल पर छिपकर हमले करने वाला हिज्बुल्लाह के पास जंग में सीधे उतरने की ताकत कहां से आई. माना जा रहा है कि अमेरिका और ईरान दोनों ही इसकी वजह हो सकते हैं.
हिजबुल्लाह को कहां से मिल रही ताकत
हमास आतंकियों को चुन चुनकर मार रहा इजराइल कई मोर्चों पर जंग के लिए तैयार है. खुद पीएम नेतन्याहू ने इस बात का ऐलान किया है. हिजबुल्लाह भी इजराइल की ताकत से परिचित है, ऐसे में धमकी दिया जाना ये बताता है कि आतंकी संगठन को ईरान से मदद मिल रही है. अमेरिकी सैन्य अधिकारी केप वर्डे इसकी पुष्टि करते हैं. उन्होंने ये साफ कहा है कि लेबनान में इजराइली सैन्य हमले से हिजबुल्लाह समूह के बचाव में ईरान जरूर प्रतिक्रिया करेगा. इसके अलावा अमेरिका के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष वायुसेना जनरल चार्ल्स क्यू ब्राउन ने भी कहा है कि ईरान गाजा में हमास का समर्थन करने की तुलना में हिजबुल्लाह का समर्थन करने का अधिक इच्छुक होगा. विशेष तौर पर तब जब उन्हें लगा कि हिजबुल्लाह को खतरा है.
अमेरिका भी है कारण
हिजबुल्लाह अगर इजराइल पर हमला करता है तो अमेरिका पूरी तरह से मदद कर पाएगा ये कहना मुश्किल है. दरअसल एक दिन पहले ही बेंजामिन नेतन्याहू ने ये दावा किया था कि गाजा में इजराइल के युद्ध प्रयासों के लिए अमेरिका हथियारों की खेप रोक रहा है. इसके अलावा अमेरिका के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष क्यू ब्राउन ने भी ये कहा है कि अगर हिजबुल्लाह इजराइल पर हमला करता है तो अमेरिका उतनी प्रभावी मदद नहीं कर पाएगा, जितना उसने ईरान द्वारा मिसाइलों और ड्रोन हमलों के दौरान की थी. इजराइल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा है कि हिजबुल्लाह द्वारा सीमा पार से दागी जाने वाली कम दूरी के रॉकेटों को रोकना कठिन होगा. माना जा रहा है कि हिजबुल्लाह भी अमेरिका की इस कमजोरी को जानता है. ऐसे में वह इजराइल पर जोरदार हमला कर सकता है, ताकि मिडिल ईस्ट में अपनी शक्ति सिद्ध कर सके.
ईरान से मदद का सबसे बड़ा सबूत
लेबनान में इजराइल के मुखबिरों ने जो सूचना दी है, वह ये बताता है कि हिजबुल्लाह की मदद के लिए ईरान पूरी तरह से तैयार है, इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि ईरान से लेबनान में हथियार आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. बेरुत स्थित राफिक हरीरी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में ये हथियार जुटाए जा रहे हैं. इनमें बैलिस्टिक मिसाइल, आर्टिलरी रॉकेट, एंटी टैंक लेजर मिसाइलें भी शामिल हैं. इसके अलावा भारी मात्रा में आरडीएक्स को भी जुटाया गया है. लेबनान के मंत्री ने इन रिपोर्टों को हास्यास्पद बताया है, मगर एयरपोर्ट के ही एक कर्मचारी ने ब्रिटिश दैनिक द टेलीग्राफ से बातचीत में बताया है कि ईरान से जो उड़ाने आ रही हैं, उनमें रहस्यमय बक्सों से ये हथियार पहुंच रहे हैं.
हिजबुल्लाह के कई आतंकी मार चुका है इजराइल
इजराइल अब तक हिजबुल्लाह के साथ हुई झड़पों में उसे काफी नुकसान पहुंचा चुका है. खुद हिजबुल्लाह ने ऐसे तकरीबन साढ़े 350 नामों का ऐलान किया है, जिन्हें आईडीएफ ने मारा है. इसके अलावा सीरिया, लेबनान में भी कई आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है. उधर इजराइल ने चेतावनी दी है कि अगर हिजबुल्लाह सीमा से पीछे नहीं हटा तो वह हमास की तरह उसे भी तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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