दुनियां – भारत की तरह अफगानिस्तान का राष्ट्रीय खेल नहीं है क्रिकेट, ‘अमीरों’ वाला गेम है उसकी असल पहचान – #INA
टी20 वर्ल्ड कप-2024 में अफगानिस्तान टीम ने अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान कर दिया. उसने ऑस्ट्रेलिया जैसी तगड़ी टीम को हराकर सेमीफाइनल तक का रास्ता तय किया. अफगानिस्तान ने इससे पहले वर्ल्ड कप-2023 में पाकिस्तान और श्रीलंका को हराया था. यही नहीं वो ऑस्ट्रेलिया को हराने के बेहद करीब भी पहुंच गई थी. हालांकि अफगानिस्तान के प्रदर्शन का ग्राफ अचानक से ऊपर नहीं चढ़ा है. उसके प्रदर्शन में साल दर साल सुधार आया है. इसकी वजह देश में क्रिकेट की लोकप्रियता है.
भारत की तरह अफगानिस्तान में भी बच्चे क्रिकेट खेलने का शौक रखते हैं. उनके हीरो राशिद खान, मोहम्मद नबी हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि भारत की तरह अफगानिस्तान का भी राष्ट्रीय खेल क्रिकेट नहीं है.
ये है अफगानिस्तान का राष्ट्रीय खेल
अफगानिस्तान का राष्ट्रीय खेल बुजकशी है. ये गेम घोड़े पर सवार होकर खेला जाता है. ये खेल अफगानिस्तान, उजबेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान में काफी मशहूर है. इसमें दो टीमें होती हैं. मैदान के बीच में एक बकरा या बछड़ा रखा जाता है. खिलाड़ी अपने घोड़े दौड़ाते हुए उसे उठाने की कोशिश करते हैं. जो उसे उठा लेता है वह दूसरी टीम के खिलाड़ियों से बचकर उसे सीमा रेखा के बाहर फेंकने की कोशिश करता है, जबकि दूसरी टीम के खिलाड़ी उसे छीनने की कोशिश करते हैं.
अफगानिस्तान का राष्ट्रीय खेल है बुजकशी
अफगानिस्तान में ये गेम आमतौर पर शुक्रवार को खेला जाता है. बुजकशी के खिलाड़ी को चपंदाज कहा जाता है. अफगानिस्तान में यह माना जाता है कि एक कुशल चपंदाज आमतौर पर अपने चालीसवें वर्ष में होता है. बुजकशी में इस्तेमाल किए जाने वाले घोड़ों को भी कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. जरूरी नहीं कि खिलाड़ी के पास ही घोड़ा हो. घोड़े आमतौर पर जमींदारों और अमीर लोगों के पास होते हैं, क्योंकि उनके रखरखाव में अच्छा खासा खर्चा लगता है.
बुजकशी के क्या हैं नियम?
बुजकशी का ग्राउंड स्क्वायर शेप में होता है.
हर टीम में 10 खिलाड़ी होते हैं.
प्रत्येक टीम से केवल पांच राइडर्स ही एक हाफ में खेल सकते हैं.
एक हाफ की कुल अवधि 45 मिनट होती है.
दोनों हाफ के बीच में 15 मिनट का ब्रेक होता है.
ये गेम रेफरी की देखरेख में खेला जाता है.
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के पहले शासनकाल के दौरान इस गेम पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि वे इस खेल को अनैतिक मानते थे. 2001 में तालिबान के सत्ता से बेदखल होने के बाद खेल फिर से शुरू हुआ. 2021 में जब तालिबान ने सत्ता हासिल की तो उन्होंने खेल को जारी रखने की अनुमति दी.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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