दुनियां – कौन हैं कीर स्टारमर? बन सकते हैं इंग्लैंड के नए प्रधानमंत्री, ऋषि सुनक को लगेगा झटका – #INA
इंग्लैंड में आम चुनाव हो रहे हैं। एग्जिट पोल ने विपक्षी लेबर पार्टी की शानदार जीत की भविष्यवाणी की है। लगभग 15 साल लंबे कंजर्वेटिव शासन का अंत होता दिख रहा है। अंतिम परिणाम अब से कुछ ही देर में जारी हो जाएंगे। आपको बता दें कि 2019 में बोरिस जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी को निर्णायक जीत दिलाई थी। वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने समय से छह महीने पहले चुनाव करवाकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था। एग्जिट पोल अगर नतीजे में बदलते हैं तो उनकी दक्षिणपंथी पार्टी भारी हार की ओर आगे बढ़ रही है। उनका यह दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है।
सेंटर-लेफ्ट लेबर को 2005 के बाद पहली बार आम चुनाव में ऐतिहासिक जीत मिलने का अनुमान है। एग्जिट पोल के अनुसार, 61 वर्षीय लेबर नेता कीर स्टारमर संसद में सबसे बड़ी पार्टी के नेता के रूप में उभर रहे हैं। वह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
आपको बता दें कि इंग्लैंड में 650 सीटें हैं। कीर स्टारमर की पार्टी को 326 से कहीं अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है। इस चुनाव में सरकार के कई मंत्री हार सकते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि ऋषि सुनक भी अपनी सीट नहीं बचा पाएंगे। अगर उन्हें हार का सामना करना पड़ता है तो इंग्लैंड की इतिहास में ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे।
कौन हैं कीर स्टारमर?
कीर स्टारमर का जन्म 1962 में लंदन में हुआ था। वे सरे के ऑक्सटेड शहर में पले-बढ़े। उनका पालन-पोषण उनके टूलमेकर पिता और NHS नर्स मां ने किया। वे छोटी उम्र से ही राजनीतिक रूप से सक्रिय थे। 16 साल की उम्र में लेबर पार्टी यंग सोशलिस्ट में शामिल हो गए। स्टारमर की एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि है। उनके पास लीड्स विश्वविद्यालय से लॉ से ग्रैजुएशन की डिग्री हैं। वह ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में भी पढ़ें।
राजनीति में प्रवेश करने से पहले स्टारमर का मानवाधिकार बैरिस्टर के रूप में सफल करियर था। उन्होंने उत्तरी आयरलैंड पुलिस बोर्ड में मानवाधिकार सलाहकार के रूप में कार्य किया और 2002 में क्वीन्स काउंसल नियुक्त किए गए। स्टारमर 2008 से 2013 तक लोक अभियोजन निदेशक थे, जहां उन्होंने स्टीफन लॉरेंस हत्याकांड जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों को निपटाया।
वह 2015 में हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए होलबोर्न और सेंट पैनक्रास से सांसद के रूप में चुने गए थे। स्टारर ने 2016 ब्रेक्सिट जनमत संग्रह के दौरान असफल ब्रिटेन स्ट्रॉन्गर इन यूरोप अभियान का समर्थन किया था। बाद में जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व में दूसरे जनमत संग्रह की वकालत की।
कॉर्बिन के इस्तीफे के बाद स्टारर ने वामपंथी मंच पर 2020 का लेबर नेतृत्व चुनाव जीता।
स्टारमर को उनके शाकाहार होने के लिए जाना जाता है। उनके बारे में लोगों में मतभेद है। कुछ लोग उन्हें सत्ता की चाह वाले दक्षिणपंथी के रूप में पहचानते हैं।
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