दुनियां – प्रेसिडेंशियल डिबेट से पहले कमला हैरिस के लिए बुरी खबर, सर्वे में ट्रंप से पीछे हुईं उपराष्ट्रपति! – #INA

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का रोमांच बढ़ता ही जा रहा है. राष्ट्रपति जो बाइडेन के चुनावी रेस से हटते ही कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर दी. डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ने महज़ 2 हफ्तों में ही बाज़ी पलट दी और देश के तमाम राष्ट्रीय सर्वे में वह ट्रंप से आगे निकल गईं. लेकिन अब प्रेसिडेंशियल डिबेट से ठीक पहले उन्हें बड़ा झटका लगा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स/सिएना कॉलेज पोल में कमला हैरिस रिपब्लिकन उम्मीदवार से पिछड़ती नज़र आ रहीं हैं. 2 से 5 सितंबर के बीच किए गए इस सर्वे में जहां ट्रंप को 48 फीसदी लोगों का समर्थन हासिल है तो वहीं कमला हैरिस को 47 फीसदी लोगों का समर्थन मिलता दिख रहा है. हालांकि कुछ अन्य सर्वेक्षणों में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर देते नजर आ रही हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर सर्वे एक हफ्ते पहले किए गए थे.
कमला हैरिस का ‘हनीमून पीरियड’ खत्म !
पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के प्रवक्ता जेसन मिलर ने द पोलिटिको से बात करते हुए कहा है कि, डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस का ‘हनीमून पीरियड’ आधिकारिक तौर पर खत्म हो चुका है. करीब एक महीने तक सर्वे में आगे दिख रहीं हैरिस को अपने प्रतिद्वंदी ट्रंप से कड़ी टक्कर मिल रही है, Pew रिसर्च सेंटर के 25 अगस्त से 1 सितंबर के बीच किए गए सर्वे के आंकड़ों में दोनों उम्मीदवारों को 49-49 फीसदी लोगों का समर्थन मिलता दिख रहा है. हालांकि शुक्रवार रात होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद सर्वे के आंकड़े देखने लायक होंगे क्योंकि दोनों ही प्रतिद्वंदियों के पास यह एक बड़ा मौका और मंच होगा जो शायद दोबारा नहीं मिल पाएगा.
यह भी पढ़ें-अमेरिका चुनाव में पलटेगी बाज़ी? बढ़त बना रहीं कमला हैरिस के खिलाफ ट्रंप ने चला IVF वाला दांव
डिबेट के बाद बुरी तरह पिछड़े थे बाइडेन
इससे पहले जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच था, तब भी प्रेसिडेंशियल डिबेट से करीब एक हफ्ते पहले जो बाइडेन ने सर्वे में बढ़त बनाई थी, हालांकि डिबेट के बाद हुए सर्वे के आंकड़ों ने उनकी उम्मीदवारी पर सवाल खड़े कर दिए. लगातार सर्वे में पिछड़ रहे बाइडेन के स्वास्थ्य और उम्र को लेकर भी सवाल उठने लगे जिसके बाद 21 जुलाई को उन्होंने व्हाइट हाउस की रेस से अपना नाम वापस ले लिया और कमला हैरिस की उम्मीदवारी का समर्थन किया.
स्विंग स्टेट्स में भी कांटे का मुकाबला
बाइडेन की तुलना में कमला हैरिस डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर देती नज़र आ रहीं हैं लेकिन हालिया सर्वे से यकीनन उनकी टेंशन बढ़ सकती है. हालांकि फिलहाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में करीब 2 महीने का वक्त बाकी है लेकिन सर्वे में जिस तरह से अमेरिकी वोटर्स का मूड बदलता दिख रहा है ऐसे में कमला हैरिस की टीम को और ज्यादा आक्रामकता के साथ प्रचार की जरूरत है.
यह भी पढ़ें-बाइडेन के जाते ही बदल गए मुद्दे, अब इन 5 बड़े वादों पर लड़ा जा अमेरिका में चुनाव
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका 7 स्विंग स्टेट्स में मुकाबला काफी कांटे का है, जो राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में निर्णायक साबित हो सकता है. कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप लगातार प्रचार कर रहे हैं और अपने वोटर्स से कनेक्ट करने की कोशिश में जुटे हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स/सिएना कॉलेज पोल में ट्रंप का आगे निकलना हैरिस के लिए अच्छे संकेत नहीं है, हालांकि प्रेसिडेंशियल डिबेट में अगर वह अच्छा प्रदर्शन करती हैं तो वह दोबारा बढ़त हासिल करने में कामयाब हो सकती हैं.
शुक्रवार रात होगी प्रेसिडेंशियल डिबेट
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप के बीच शुक्रवार रात 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) प्रेसिडेंशियल डिबेट होनी है, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस डिबेट की बेहद अहम भूमिका होती है. हालांकि माना जा रहा है कि समय की कमी के चलते हैरिस और ट्रंप के बीच एक ही डिबेट हो पाएगी. इससे पहले ट्रंप और बाइडेन के बीच 28 जून को पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी. इस डिबेट के बाद बाइडेन और ट्रंप 10 सितंबर को दूसरी डिबेट के लिए राज़ी हुए थे, लेकिन अब रेस में बाइडेन नहीं कमला हैरिस हैं. हैरिस और ट्रंप के बीच होने वाली इस प्रेसिडेंशियल डिबेट का प्रसारण भारतीय समयानुसार शनिवार की सुबह साढ़े 6 बजे होना है.
यह भी पढ़ें-अमेरिका का मिडिल क्लास किस हाल में रहता है, जिनके सहारे सत्ता पाना चाहती हैं कमला हैरिस

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button