दुनियां – प्रेसिडेंशियल डिबेट में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप का होगा आमना-सामना…क्या बदलेगा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का गणित? – #INA

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज का दिन बेहद खास है, मंगलवार रात 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) उपराष्ट्रपति कमला और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट होनी है. दोनों प्रतिद्वंदियों के बीच यह डिबेट ऐसे समय में हो रही है जब चुनाव के लिए दो महीने से भी कम का समय बचा है.
यह पहला मौका होगा जब ट्रंप और कमला हैरिस प्रेसिडेंशियल डिबेट में आमने-सामने होंगे. इससे पहले 28 जून को ट्रंप और बाइडेन के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी, जिसके करीब एक महीने बाद जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस की रेस से अपना नाम वापस ले लिया था.
क्या होती है प्रेसिडेंशियल डिबेट?
अमेरिका में चुनाव से पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच कई अहम मुद्दों पर आमने-सामने बहस होती है. इससे जनता को यह जानने का मौका मिलता है कि किसी खास मुद्दे पर डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार का क्या मत है, ऐसे में वोटर को यह तय करना आसान हो जाता है कि उसे किसे वोट देना है? अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट का इतिहास करीब साढ़े 6 दशक पुराना है, साल 1960 में हुए चुनाव के दौरान पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट जॉन एफ केनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच हुई थी. तब चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार केनेडी की जीत हुई थी.
कहां और कब होगी प्रेसिडेंशियल डिबेट?
ट्रंप और कमला हैरिस के बीच होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट का होस्ट ABC न्यूज़ है. इसका आयोजन फिलाडेल्फिया के नेशनल कॉन्सटिट्यूशन सेंटर में अमेरिकी समयानुसार रात 9 बजे किया जाएगा. डेविड मूइर और लिंसे डेविस इस डिबेट के मॉडरेटर होंगे. भारतीय समयानुसार इसका प्रसारण बुधवार की सुबह करीब साढ़े 6 बजे किया जाएगा.
डिबेट का प्रसारण ABC न्यूज़ लाइव, डिज्नी प्लस और Hulu पर किया जाएगा. इसे CBS news और पैरामाउंट प्लास पर भी देखा जा सकता है.
क्या होंगे प्रेसिडेंशियल डिबेट के नियम?
प्रेसिडेंशियल डिबेट को लेकर कुछ नियम तय किए हैं, दोनों उम्मीदवारों में से अगर कोई एक बोल रहा होगा, तो दूसरे प्रतिद्वंदी का माइक बंद कर दिया जाएगा. डिबेट के लाइव प्रसारण के दौरान माना जा रहा है कि सिर्फ ट्रंप और कमला हैरिस ही मंच पर मौजूद हो सकते हैं, इस दौरान ऑडियंस यानी दर्शक मौजूद नहीं होंगे. इसके अलावा 90 मिनट की डिबेट में सिर्फ दो कमर्शियल ब्रेक लिए जाएंगे. दोनों के प्रचार अभियान से जुड़े कर्मचारियों को ब्रेक के दौरान उनसे बात करने की जरूरत नहीं होगी.
हर सवाल का जवाब देने के लिए एक उम्मीदवार के पास 2 मिनट का समय होगा, इसके अलावा किसी बात का खंडन करने के लिए भी उम्मीदवारों को 2-2 मिनट का समय मिलेगा. साथ ही आगे के जवाब के लिए एक्ट्रा मिनट भी दिए जा सकते हैं.
कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप दोनों को ही प्रेसिडेंशियल डिबेट के अंत में क्लोजिंग स्टेटमेंट देने के लिए दो-दो मिनट का समय मिलेगा. कमला हैरिस और ट्रंप को मंच पर पहले से लिखे हुए नोट्स लाने की इजाजत नहीं होगी, हालांकि वह एक पेन, नोटपैड और पानी की बॉटल रख सकते हैं.
ट्रंप ने जीता टॉस, क्लोजिंग स्टेटमेंट का क्रम चुना
डिबेट से पहले टॉस होता है, इस टॉस को जीतने वाला उम्मीदवार मंच पर अपने खड़े होने की जगह या क्लोजिंग स्टेटमेंट के क्रम में से एक चुन सकता है. इस प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए ट्रंप ने टॉस जीत लिया है और उन्होंने सबसे आखिर में क्लोजिंग स्टेटमेंट देना चुना है. वहीं कमला हैरिस ने मंच पर बाईं ओर खड़ा होना चुना है, यानी दर्शकों को वह टीवी स्क्रीन के दाईं ओर नज़र आएंगी.
क्या और भी प्रेसिडेंशियल डिबेट होंगी?
कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच यह पहली और अंतिम प्रेसिडेंशियल डिबेट मानी जा रही है क्योंकि चुनाव के लिए काफी कम समय बचा है. जब जून के अंत में ट्रंप और बाइडेन के बीच डिबेट हुई थी तो दोनों 10 सितंबर को दूसरी डिबेट के लिए राज़ी हुए थे, हालांकि इसके बाद कमला हैरिस रेस में आ गईं और फिल्हाल उनकी टीम की ओर से सिर्फ मंगलवार की डिबेट के लिए ही रजामंदी दी गई है.
हालांकि 1 अक्टूबर को CBS न्यूज़ की ओर से वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट कराई जाएगी जो कि जेडी वेंस और टिम वॉल्ज के बीच होनी है. यह डिबेट न्यूयॉर्क शहर में होगी और इसके मॉडरेटर CBS न्यूज़ के मैनेजिंग एडिटर और न्यूज़ चीफ होंगे.
हालांकि ट्रंप ने पहले ही ABS न्यूज़ की प्रेसिडेंशियल डिबेट के अलावा दो और डिबेट का प्रस्ताव रखा था, माना जा रहा है कि कमला हैरिस की टीम अक्टूबर में एक और डिबेट के लिए राज़ी हो सकती है. हालांकि इसके लिए संभावित तारीख तय नहीं की गई है. माना जा रहा है कि मंगलवार रात होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद कमला हैरिस की टीम इस पर कोई फैसला कर सकती है.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button