दुनियां – चीन-रूस की दोस्ती से बढ़ी जापान की टेंशन, जानिए क्या है पूरा मामला – #INA

चीन और रूस ने जापान सागर में संयुक्त अभ्यास शुरू कर दिया है, बताया जा रहा है कि यह बीते 3 दशक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा था कि ‘नॉर्दर्न यूनाइटेड-2024’ अभ्यास जापान सागर और उत्तर में ओखोटस्क सागर में होगा.
इसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन के घोषित ओशिन-2024 का हिस्सा माना जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ड्रिल में 400 वॉरशिप, सबमरीन और सपोर्ट वेसेल हिस्सा ले रहे हैं, रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह 16 सितंबर तक चलेगा.
रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी-चीन
चीन ने संयुक्त नौसैनिक और हवाई अभ्यास की घोषणा करते हुए बताया कि देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और सुरक्षा खतरों से संयुक्त तौर पर निपटने की क्षमता को मजबूत करने के लिए इस अभ्यास को डिजाइन किया गया है. बीजिंग के मुताबिक दोनों देशों की नौसेनाएं प्रशांत महासागर में एक साथ यात्रा करेंगी और रूस के ‘ग्रेट ओशिन-24’ अभ्यास में हिस्सा लेंगी.
चीन-रूस के संयुक्त अभ्यास पर जापान की नज़र
दोनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास से जापान की टेंशन बढ़ गई है, जापान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि उसने शनिवार से रविवार तक 5 चीनी नौसेना के जहाजों को सुशिमा स्ट्रेट से उत्तर-पूर्व की ओर जापान सागर की तरफ जाते हुए देखा है. जापान के सुरक्षा बलों ने चीन के जहाजों की तस्वीरें जारी करते हुए बताया है कि उन्होंने इन जहाजों की निगरानी की है. दरअसल सुशिमा स्ट्रेट दक्षिण कोरिया और जापान के बीच स्थित है और दक्षिण चीन सागर और जापान सागर को जोड़ता है, हालांकि यह जापान के जल क्षेत्र में नहीं आता है.
चीन-रूस की दोस्ती से जापान को टेंशन क्यों?
चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और दक्षिण चीन सागर को लेकर फिलीपींस के साथ क्षेत्रीय विवादों में इसकी आक्रामकता ने अमेरिका और जापान सहित उसके सहयोगियों को परेशान कर दिया है. 26 अगस्त को जापान ने अपने हवाई क्षेत्र में चीन के लड़ाकू विमानों के घुसपैठ की पुष्टि की थी. पिछले हफ्ते जापान ने चाइनीज नेवल शिप के उसके जल क्षेत्र में घुसने पर विरोध भी दर्ज कराया था.
जापान का चीन के साथ- पूर्वी चीन सागर में सुदूर सेनकाकू द्वीपों को लेकर और रूस के साथ- होक्काइडो और कामचटका के बीच कुरील द्वीपों को लेकर क्षेत्रीय विवाद है. यही वजह है कि जापान के जल क्षेत्र के करीब चीन और रूस की नौसेनाओं की मौजूदगी ने जापान की टेंशन को बढ़ा दिया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ा तनाव!
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले से शुरू हुए युद्ध के बाद से चीन ने रूस के साथ अपने संबंधों को गहरा किया है. चीन ने इस दौरान रूस को बढ़-चढ़कर सपोर्ट किया, जबकि जापान ने मास्को के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल होने के लिए अमेरिका और उसके अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया है. यही वजह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से जापान और चीन के संबंध तेजी से खराब हुए हैं.
चीन-रूस की गहरी होती दोस्ती
युद्ध के दौरान चीन, रूस का एक बड़ा सहयोगी बनकर उभरा है, रूस पर लगे प्रतिबंधों के चलते से उबरने में भी चीन ने मदद की है. बीते 2 सालों में चीन ने रूस से रिकॉर्ड तेल और गैस खरीदा है. रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने से पहले साल 2021 में जहां चीन ने रूस से 80 बिलियन डॉलर का आयात किया था तो वहीं साल 2022 में यह बढ़कर करीब 115 बिलियन डॉलर पहुंच गया. इसके अलावा पिछले साल 2023 में चीन ने रूस से 129 बिलियन डॉलर का आयात किया था, इसमें सबसे बड़ा हिस्सा तेल और गैस का है.
कुछ महीने पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दावा किया था कि चीन भले ही रूस को हथियार नहीं भेज रहा लेकिन तेज़ी से घातक हथियार बनाने के लिए जरूरी उपकरण मुहैया करा रहा है. ब्लिंकन के मुताबिक रूस 70 फीसदी मशीन टूल्स और 90 फीसदी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स चीन से निर्यात कर रहा है. रूस की मदद करने के लिए चीन की कई कंपनियों पर अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है, लेकिन इससे चीन और रूस की दोस्ती पर कोई फर्क नहीं पड़ा.

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button