दुनियां – सत्ता में रहें या विपक्ष में…ट्रंप का हमेशा मीडिया से क्यों रहता है 36 का आंकड़ा? – #INA

डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस के साथ हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद होस्ट एबीसी न्यूज और मॉडरेटर्स पर सवाल उठाया है. उन्होंने कमला हैरिस का साथ देने का आरोप लगाते हुए एबीसी नेटवर्क को पक्षपाती बताया.
लेकिन यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप मीडिया से खफा नज़र आए हों, इससे पहले जब वो सत्ता में थे तब भी मीडिया के खिलाफ उनके बयान सुर्खियां बटोरते रहे हैं.
मीडिया की आलोचना स्ट्रैटजी का हिस्सा?
डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2017 में मीडिया को ‘लोगों का दुश्मन’ बताया था, ट्रंप के झूठे दावों की पोल खोलने पर वह अक्सर मीडिया की आलोचना करते रहे हैं. जब ट्रंप व्हाइट हाउस में थे तो वह चाहते थे कि मीडिया उनकी सरकार को लेकर सिर्फ सकारात्मक खबरें दिखाए. BBC ने अपनी एक रिपोर्ट में जिक्र किया था कि ट्रंप खेलों में इस्तेमाल किए जाने वाले उस ट्रिक को आज़माने की कोशिश करते रहे हैं जिसमें रेफरी को दूसरी टीम का साथ देने वाला बताया जाता है. लेकिन मीडिया के मामले में वह एक कदम आगे जाकर उसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करना चाहते हैं.
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पत्रकारों पर सवाल उठाते रहे हैं ट्रंप
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से भिड़ते नज़र आ चुके हैं, उन्होंने हाल ही में एबीसी न्यूज़ के पत्रकार रचेल स्कॉट को एक इंटरव्यू दिया था जिसके बाद ट्रंप ने स्कॉट पर आरोप लगाया है कि स्कॉट ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया जो उन्हें मिलना चाहिए.
वहीं जुलाई 2016 में RNC कन्वेंशन के अंतिम दिन जब ट्रंप को पार्टी आधिकारिक उम्मीदवार चुना गया था, तब CNN के एक शो में बैठे गेस्ट ने बताया था कि ट्रंप ने CNN के पत्रकार एंडरसन कूपर के लिए एक संदेश भेजा है. ट्रंप ने संदेश में कहा था कि वह रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन को लेकर CNN की कवरेज से खुश नहीं हैं और चैनल की रेटिंग सिर्फ इसलिए बढ़ रही है क्योंकि ट्रंप कन्वेंशन में मौजूद हैं.
लगातार झूठे और भ्रामक दावे करते रहे हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप अक्सर झूठे और भ्रामक दावे करते पाए जाते हैं. हाल ही में हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान उनकी स्पीच का फैक्ट चेक किया गया, जिसमें उनके 12 में 11 दावे झूठे और भ्रामक निकले.
डोनाल्ड ट्रंप जब 2020 का राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे तब भी उन्होंने चुनावी नतीजों को लेकर कई झूठे दावे किए, 6 जनवरी 2021 को चुनाव हारने के बाद वॉशिंगटन डीसी में अपनी रैली से पहले ट्रंप ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मतदान में धांधली का आरोप लगाया. ट्रंप की रैली के बाद अमेरिका के कैपिटल हिल इलाके में हिंसा हुई जिसे लेकर ट्रंप की काफी आलोचना की गई.
इसके बाद फेसबुक और इंस्टाग्राम ने ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट को 2 साल के बैन कर दिया, वहीं ट्विटर (अब X) ने तो उनका अकाउंट स्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिया. हालांकि जब ट्रंप के दोस्त कहे जाने वाले एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदा तो उन्होंने ट्रंप का अकाउंट दोबारा बहाल कर दिया.
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डिबेट होस्ट पर लगाया आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रेसिडेंशियल डिबेट से करीब एक हफ्ते पहले ही ट्रंप ने मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे, वहीं डिबेट के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि मॉडरेटर्स ने कमला हैरिस का साथ दिया, लिहाज़ा यह 3 ऑन 1 डिबेट थी. ट्रंप ने दावा किया कि डिबेट में उनकी जीत हुई है और मीडिया सिर्फ उनके दावों का फैक्ट चेक कर रहा है. ट्रंप ने एबीसी न्यूज़ को लगभग धमकी देते हुए कहा कि उन्होंने जो किया है इसके लिए नेटवर्क का लाइसेंस छीन लेना चाहिए.
पत्रकारों को टारगेट करेगा ट्रंप प्रशासन ?
वहीं एक पूर्व अधिकारी और ट्रंप के एक करीबी काश पटेल ने मीडिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ट्रंप 2024 का चुनाव जीतते हैं तो मीडिया के अपराधों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट तौर पर ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मीडिया को टारगेट किए जाने की ओर इशारा किया है.
काश पटेल ने कहा है कि हम जांच करेंगे और साजिश का पता लगाएंगे, न केवल सरकार के अंदर बल्कि मीडिया के अंदर भी. उन्होंने कहा कि मीडिया के जिन लोगों ने अमेरिकी नागरिकों को लेकर झूठ फैलाया है हम उन्हें पकड़ेंगे, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में धांधली करने में जो बाइडेन की मदद की हम उन्हें सामने लाएंगे. हालांकि पटेल की प्रवक्ता एरिका नाइट ने CNN से बात करते हुए कहा है कि वह उन पत्रकारों की बात कर रहे थे जिन्होंने कानून तोड़ा है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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