दुनियां – पाकिस्तान में ईशनिंदा पर एक और कत्ल, बलूचिस्तान में पुलिस अफसर ने थाने में आरोपी को गोलियों से भूना – #INA
पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर अत्याचार किए जाने और कत्ल किए जाने का सिलसिला जारी है. पाकिस्तान के अशांत कहे जाने वाले बलूचिस्तान प्रांत में कल गुरुवार को पुलिस अधिकारी ने हिरासत में ईशनिंदा के आरोपी एक शख्स को मार दिया. जमीयत उलेमा पाकिस्तान समेत कई संगठन पुलिस अफसर के समर्थन में आ गए हैं.
क्वेटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहम्मद बलूच ने बताया कि आरोपी को क्वेटा शहर के एक पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया था, तभी पुलिस अधिकारी ने उसे गोली मार दी. उन्होंने कहा, “कत्ल करने वाले अफसर को गिरफ्तार कर लिया गया है.”
रिश्तेदार बनकर जेल में पहुंचा अफसर
एसएसपी ने बताया, “पुलिस अफसर आरोपी का रिश्तेदार बनकर आया और उसने उसकी स्थिति को लेकर चिंता जताई. फिर वह जेल में उसके करीब पहुंच गया और अचानक उसे गोली मार दी.”
इस हफ्ते की शुरुआत में पुलिस ने उस शख्स को हिरासत में लिया था, जब भीड़ ने उसकी दुकान पर उसे पीट-पीटकर मारने की कोशिश की थी, जहां उसका कुछ मौलवियों से झगड़ा हो गया था, जिन्होंने उसके खिलाफ ईशनिंदा करने का आरोप लगाया था.
ईशनिंदा पर प्रदर्शन और आगजनी
हिरासत में लिए जाने के बाद आरोपी शख्स को खारोताबाद के एक पुलिस थाने में ले जाया गया और बाद में क्वेटा के एक भारी सुरक्षा वाले पुलिस थाने में रखा गया. हालांकि, क्वेटा में उसके ठिकाने के बारे में खबर फैल गई.
पुलिस ने जब इस हफ्ते की शुरुआत में पश्चिमी बाईपास क्षेत्र में उसे हिरासत में लिया, तो तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) और अन्य धार्मिक दलों के प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जलते हुए टायर रखकर यातायात को अवरुद्ध कर दिया और प्रांतीय राजधानी के कई हिस्सों में रैलियां निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया. बाद में प्रदर्शनकारियों ने खारोताबाद पुलिस स्टेशन पर एक हैंड ग्रेनेड फेंका, जो बिल्डिंग के बाहर ही फट गया.
‘ईशनिंदा पर 10 दिन में हो फांसी’
एसएसपी मोहम्मद बलूच ने कहा कि मारे गए शख्स पर पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप था और सोशल मीडिया पर उसकी फोन पर कथित बातचीत वायरल हो गई, जिससे तीखी आलोचना और विरोध शुरू हो गया.
इस बीच, जमीयत उलेमा पाकिस्तान के सीनेटर अब्दुल शकूर खान ने कत्ल करने वाले पुलिस अफसर को लेकर अपनी सहानुभूति जताई. उन्होंने कहा, “अफसर ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि लोगों को कानूनी व्यवस्था पर भरोसा नहीं है और ईशनिंदा करने वालों को 10 दिनों के भीतर फांसी पर लटका देना चाहिए, न कि उनके खिलाफ केस चलाया जाना चाहिए. हम पवित्र पैगंबर के खिलाफ ईशनिंदा वाली टिप्पणी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
इससे पहले ईशनिंदा के आरोप में जून में पाकिस्तान के सियालकोट में उन्मादी भीड़ ने एक पर्यटक को मार डाला था. जबकि मार्च में ईशनिंदा के आरोप में एक छात्र को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई थी.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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