दुनियां – समुद्र में कैसे डूबी टाइटन पनडुब्बी? ब्लास्ट से पहले भेजा गया था आखिरी मैसेज – #INA
टाइटन पनडुब्बी, जो टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने का काम करती थी, पिछले साल एक भयानक हादसे का शिकार हो गई थी. इस हादसे को लेकर साउथ कैरोलिना में कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जो 16 सितंबर से शुरू हुई और 27 सितंबर तक चलेगी. सुनवाई के पहले दिन, अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने टाइटन पनडुब्बी के मलबे की पहली तस्वीर शेयर की. इस तस्वीर में पनडुब्बी का पिछला हिस्सा टूटा हुआ दिखाई दे रहा है और इसके किनारे उखड़ गए हैं. पास में ही जहाज का एक फटा हुआ टुकड़ा भी देखा जा सकता है.
सुनवाई में बताया गया कि टाइटन पनडुब्बी ने हादसे से डेढ़ घंटे पहले पोलर प्रिंस जहाज को एक मैसेज भेजा था, जिसमें कहा गया था कि “यहां सब ठीक है.” ये संदेश उस समय भेजा गया था जब पनडुब्बी 3341 मीटर की गहराई पर थी. इसके 6 सेकंड बाद, टाइटन को आखिरी बार पिंग किया गया. इस दौरान टाइटन और पोलर प्रिंस के बीच कोई आपातकालीन संचार नहीं हुआ. सुबह 10:49 बजे पोलर प्रिंस ने पहली बार संपर्क खत्म होने का संदेश भेजा, लेकिन टाइटन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
क्या आई थी समस्या ?
कोर्ट में ओशनगेट के पूर्व मुख्य इंजीनियर टोनी निसीन ने गवाही दी. उन्होंने कहा कि पनडुब्बी में कई तकनीकी समस्याएं थीं और उन पर इसे गहरे समुद्र में उतारने का दबाव था. उन्होंने ये भी बताया कि टाइटन की कभी भी थर्ड पार्टी से जांच नहीं करवाई गई थी, इसलिए उन्होंने इसकी मंजूरी नहीं दी थी. इसके बाद उन्हें 2019 में कंपनी से निकाल दिया गया. ओशनगेट की पूर्व CFO बोनी कार्ल ने भी गवाही दी और कहा कि सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं के कारण उन्होंने 2018 में कंपनी छोड़ दी थी.
गहराई में तापमान बहुत ठंडा
जांचकर्ताओं ने बताया कि हादसे से पहले टाइटन को न्यूफाउंडलैंड में बेहद ठंडे तापमान में रखा गया था. रिकॉर्ड के अनुसार, टाइटन को 2021 में 70 और 2022 में 48 तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा था.
कैसे हुई थी घटना
18 जून 2023 को टाइटन पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में लापता हो गई थी. चार दिन की खोजबीन के बाद इसका मलबा टाइटैनिक जहाज से 1600 मीटर दूर मिला था. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें ओशनगेट के CEO रश और पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद शामिल थे.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link