दुनियां – अमेरिका चुनाव: ट्रंप पर हमले की कोशिश का नहीं हुआ असर, कमला हैरिस के लिए लगातार बढ़ रहा समर्थन – #INA
अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है, करीब 48 दिन बाद अमेरिकी वोटर्स अपना अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे बेहद खास होंगे क्योंकि अगर कमला हैरिस जीतती हैं तो अमेरिका को पहली महिला राष्ट्रपति मिलेगी, वहीं अगर डोनाल्ड ट्रंप जीत हासिल करते हैं तो ये उनका दूसरा टर्म होगा.
हालांकि चुनावी नतीजों से पहले आ रहे सर्वे पर नजर डालें तो डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप से काफी आगे हैं. ट्रंप पर करीब 2 महीनों में 2 बार जानलेवा हमले की कोशिश की जा चुकी है. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के सर्वे में इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.
कमला हैरिस को मिल रहा 50% समर्थन
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक औसत नेशनल पोलिंग में कमला हैरिस, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 4 प्वाइंट आगे चल रही हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार देशभर के कई सर्वे का औसत निकाला जाए तो कमला हैरिस को 50 फीसदी वोटर्स का समर्थन मिलता दिख रहा है, वहीं डोनाल्ड ट्रंप को 46 फीसदी लोगों का समर्थन हासिल है.
ABC न्यूज/538 के नेशनल सर्वे में कमला हैरिस, डोनाल्ड ट्रंप से आगे हैं, हालांकि यहां दोनों के बीच फासला थोड़ा कम है. हैरिस को जहां 48 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं तो वहीं ट्रंप को 45 फीसदी वोट इस सर्वे में मिले हैं. अब जबकि राष्ट्रपति चुनाव को महज डेढ़ महीने का समय बाकी है ऐसे में सर्वे के नतीजे रिपब्लिकन पार्टी और डोनाल्ड ट्रंप के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.
जेएल पार्टनर्स और डेलीमेल के ताजा सर्वे में एक हजार संभावित वोटर्स ने हिस्सा लिया. यह सर्वे 11 से 16 सितंबर के बीच कराया गया था. इसके नतीजों के मुताबिक कमला हैरिस को 43 फीसदी वोट मिले हैं तो वहीं ट्रंप को 42 फीसदी वोट हासिल हुए हालांकि यह फासला बेहद कम है, जिसे आने वाले दिनों में कम किया जा सकता है.
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7 में से 6 स्विंग स्टेट्स में हैरिस आगे
21 जुलाई से व्हाइट हाउस की रेस में शामिल हुईं कमला हैरिस को कई सर्वे में 50 फीसदी समर्थन मिल रहा है. यही नहीं अमेरिका के 7 निर्णायक स्विंग स्टेट्स में से 6 में कमला हैरिस को बढ़त मिल रही है, जो रिपब्लिकन पार्टी के लिए चिंता का सबब बन सकता है.
यही नहीं स्विंग स्टेट्स से भी ट्रंप के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है, 7 में से 6 स्विंग स्टेट्स में कमला हैरिस आगे चल रही हैं. महज 11 इलेक्टोरल वोट्स वाले राज्य एरिजोना में ही ट्रंप एक प्वाइंट से कमला हैरिस से आगे हैं. इसके अलावा बाकी सभी स्विंग स्टेट्स में कमला हैरिस ने बढ़त बनाई हुई है. विस्कॉन्सिन में हैरिस 3 तो नेवादा में 2 प्वाइंट से आगे हैं. इसके अलावा उत्तरी कैरोलिना, मिशीगन, पेंसिल्वेनिया और जॉर्जिया में कमला हैरिस को एक प्वाइंट की बढ़त मिल रही है.
सर्वे सही साबित हुए तो क्या होगा?
अगर सर्वे के ये आंकड़े नतीजों में तब्दील होते हैं तो कमला हैरिस चुनाव में आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगी. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 270 इलेक्टोरल कॉलेज की जरूरत होती है, ऐसे में अगर वोटर्स का मूड यही रहा तो कमला हैरिस को 308 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर लेंगी. वहीं अगर पोल जमीनी हकीकत को भांपने में कामयाब नहीं होते हैं तो ट्रंप दूसरी बार सरकार बना सकते हैं.
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2016 वाला प्रदर्शन दोहरा पाएंगे ट्रंप?
डोनाल्ड ट्रंप जो कि शुरुआती प्रचार अभियान के दौरान सर्वे में राष्ट्रपति जो बाइडेन से आगे चल रहे थे वह कमला हैरिस के रेस में शामिल होने के 2 हफ्ते बाद से लगातार पिछड़ गए हैं. हालांकि साल 2016 में ट्रंप को हिलेरी क्लिंटन की तुलना में एक फीसदी कम वोट मिले थे लेकिन बावजूद इसके वह जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट्स हासिल करने में कामयाब रहे. दरअसल 6 स्विंग स्टेट्स ने ट्रंप के पक्ष में वोट किया था, नतीजन बड़े राज्यों में अधिक वोट मिलने के बावजूद हिलेरी क्लिंटन चुनाव हार गईं.
क्या है इलेक्टोरल कॉलेज?
अमेरिका के 50 राज्यों में 538 इलेक्टोरल कॉलेज हैं, किसी भी कैंडिडेट को चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 270 का जादुई आंकड़ा छूना होता है. अमेरिका में वोटर्स जब वोट डालते हैं तो वह सीधे किसी कैंडिडेट को वोट नहीं देते बल्कि राज्यों में बनाए गए प्रतिनिधियों और अधिकारियों के एक छोटे समूह को वोट देते हैं, इस समूह को इलेक्टोरल कॉलेज कहा जाता है. इन इलेक्टोरल कॉलेज का समर्थन ही किसी कैंडिडेट की जीत-हार सुनिश्चित करता है.
लेकिन अमेरिका के 50 में 38 राज्या ऐसे हैं जो हर बार किसी न किसी विशेष पार्टी को वोट देते हैं, यानी इनका मूड फिक्स होता है. लेकिन 12 राज्य ऐसे हैं जहां कड़ा मुकाबला होता है और इनके वोट जीत-हार का फैसला करते हैं. 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में इन 12 में से 7 राज्य ऐसे हैं जो निर्णायक माने जा रहे हैं, इममें 93 इलेक्टोरल वोट हैं जो चुनावी बाज़ी को पलटने में मददगार हो सकते हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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