दुनियां – जिस BRICS को भारत के साथ मिलकर खड़ा किया उसमें पाकिस्तान को क्यों लाना चाहता है रूस? – #INA

रूस ने कहा है कि वह ब्रिक्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के प्रसायों का समर्थन करेगा. क्योंकि दोनों देशों ने व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देकर आपसी संबंधों को मजबूत करने के फैसला किया है.
रूस के डिप्टी पीएम एलेक्सी ओवरचुक दो दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर हैं. उन्होंने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, ‘हमें खुशी है कि पाकिस्तान ने सदस्यता के लिए आवेदन दिया है. BRICS और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) मैत्रीपूर्ण संगठन हैं. हम पाकिस्तान की सदस्यता का समर्थन करेंगे.’
रूस की सरकारी मीडिया TASS के मुताबिक एलेक्सी ओवरचुक ने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमने BRICS का महत्वपूर्ण विस्तार देखा है. पूरी दुनिया के देशों ने इसमें शामिल होने के लिए बड़ी दिलचस्पी दिखाई है.
दुनियाभर में BRICS की बढ़ती धाक
BRICS की स्थापना साल 2006 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर की थी. बाद में साल 2011 में साउथ अफ्रीका इसमें शामिल हुआ. ब्रिक्स के इन सदस्य देशों के नाम के पहले अक्षर से ही इस संगठन नाम BRICS रखा गया है. 1 जनवरी 2024 को मिस्र, ईरान, UAE, सऊदी अरब और इथोपिया इसके पूर्ण सदस्य बने हैं. वहीं पाकिस्तान से पहले तुर्किए भी ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जता चुका है. कुछ दिनों पहले रूस की ओर से ही इसकी जानकारी दी गई थी.
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पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ा रहा रूस
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस के डिप्टी पीएम और पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बताया है कि दोनों देशों के बीच हुई चर्चा में आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. विदेश मंत्री डार ने बताया कि पिछले साल रूस और पाकिस्तान के बीच व्यापार 1 बिलियन डॉलर को पार कर गया है. लॉजिस्टिक और दूसरे मुद्दों पर काम करके व्यापारिक संबंधों का विस्तार करना दोनों देशों की प्राथमिकता है.
ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं की तलाश
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा है कि रूस के साथ ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं और हमारा लक्ष्य इसे और आगे बढ़ाना है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान दोनों देशों के बीच और उससे आगे रेल और सड़क नेटवर्क सहित कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को विकसित करना चाहता है.
विदेश मंत्री डार ने कहा कि पाकिस्तान रूस को वेस्ट, साउथ और सेंट्रल एशिया में एक अहम प्लेयर की तरह देखता है. रूस के साथ दोनों देशों को फायदा पहुंचाने वाले सहयोग को मजबूत करना पाकिस्तान की विदेश नीति की प्रमुख प्राथमिकता रही है.
मुस्लिम देशों के साथ रूस के अच्छे संबंध
डार ने रूस के साथ मुस्लिम देशों के ऐतिहासिक संबंधों और फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर रूस के रुख का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि रूस का यह रुख दिखाता है कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल किसी व्यक्ति या धर्म के अपमान के लिए नहीं होना चाहिए और ना ही इसका इस्तेमाल मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया जाना चाहिए.
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पाकिस्तान और EEU के बीच फ्री ट्रेड डील ?
वहीं रूस के डिप्टी पीएम एलेक्सी ओवरचुक ने कहा है कि सहयोग की संभावनाओं को लेकर पाकिस्तान और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (जिसमें आर्मेनिया, बेलारूस, कज़ाखिस्तान, काकेसिया और रूस शामिल हैं ) के साथ चर्चा की है. ओवरचुक ने बताया है कि हमने पाकिस्तान और इन 5 देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लागू करने के अवसर पर चर्चा की है. हम इस समझौते को आगे बढ़ाने और अंतिम रूप देने के लिए तत्पर हैं.
पाकिस्तान के साथ नजदीकी की वजह?
जानकारी के मुताबिक रूस पाकिस्तान के साथ न सिर्फ व्यापारिक संबंध मजबूत करना चाहता है बल्कि वह पाकिस्तान को हथियार भी बेचना चाहता है. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं जिसके चलते रूस का व्यापार और रक्षा सहयोग कुछ चुनिंदा देशों तक सीमित हैं. लिहाजा रूस वित्तीय संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान समेत कई देशों से आर्थिक सहयोग बढ़ा रहा है. पाकिस्तान और रूस साल 2016 से नियमित तौर पर संयुक्त सैन्य अभ्यास भी कर रहे हैं जो देशों के मजबूत हो रहे संबंधों को दर्शाता है.
इसके अलावा बीते कुछ सालों से ब्रिक्स को NATO के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. अमेरिका और पश्चिम देशों के संगठन NATO को टक्कर देने के लिए रूस और चीन ब्रिक्स का विस्तार करना चाहते हैं. पाकिस्तान से पहले तुर्किए ने भी ब्रिक्स में शामिल होने का आवेदन दिया है, अगर ये दोनों ब्रिक्स में शामिल होते हैं तो इससे चीन का प्रभाव बढ़ जाएगा.
रूस और पाकिस्तान के विजन एक जैसे- ओवरचुक
ओवरचुक ने कहा कि SCO में विकास और आर्थिक संबंधों को लेकर पाकिस्तान और रूस के लक्ष्य और विजन एक जैसे हैं. कनेक्टिविटी, जलवायु परिवर्तन, फूड सिक्योरिटी, ऊर्जा ट्रांसमिशन और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर रूस और पाकिस्तान की सोच एक जैसी है. बता दें कि 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में SCO समिट होनी है, जिसके लिए पाकिस्तान ने भारत समेत अन्य देशों को भी न्योता भेजा है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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