दुनियां – US Election: न ट्रंप चाहिए-न कमला हैरिस…कौन हैं वो टीमस्टर्स जिन्होंने अमेरिका चुनाव में उठाया बगावत का झंडा – #INA

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक दिलचस्प मोड़ आ गया है. अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े श्रमिक संघ ‘टीमस्टर्स’ ने कहा है कि वह चुनाव में कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप में से किसी का भी समर्थन नहीं करेगा. आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल ब्रदरहुड ऑफ टीमस्टर्स के नाम से पहचाने जाने वाले इस संगठन की स्थापना 1903 में हुई थी. इसके सदस्यों की संख्या करीब 13 लाख है.
शुरुआत में ‘टीमस्टर्स’ अमेरिका में ट्रक ड्राइवर्स का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन था, धीरे-धीरे इसने खुद को कई गैर-संगठित क्षेत्रों में स्थापित किया. टीमस्टर्स के दिए आंकड़ों के मुताबिक यह कृषि, कानून प्रवर्तक, स्वास्थ्य सेवा और विमानन समेत करीब 10 फीसदी अमेरिकी संघ का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ उनके लिए बातचीत करने और जरूरत होने पर हड़ताल करने तक शामिल है.
वोटिंग को प्रभावित करेगा ‘टीमस्टर्स’ का फैसला?
टीमस्टर्स ने फैसला किया है कि वह व्हाइट हाउस की रेस में शामिल कैंडिडेट्स में से किसी का भी समर्थन नहीं करेगा, ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका के इतने बड़े श्रम संगठन का ये फैसला क्या वोटिंग को प्रभावित कर सकता है? साथ ही क्या स्विंग स्टेट्स में इससे कोई फर्क पड़ेगा क्योंकि इन राज्यों में कई स्थानीय निकायों ने कमला हैरिस को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है.
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संगठन के शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को ऐलान किया है कि वह किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगा क्योंकि इसके सदस्यों के बीच कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप को लेकर बहुमत नहीं है. संगठन के अध्यक्ष सीन ओ ब्रायन ने फैसले को लेकर तर्क दिया है कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही उम्मीदवारों में से किसी ने भी श्रमिकों के समर्थन में कोई गंभीर प्रतिबद्धता नहीं जताई है.
स्थानीय शाखाएं कमला हैरिस के साथ
लेकिन संगठन की इस घोषणा के बाद कई स्थानीय शाखाएं कमला हैरिस को समर्थन दे रहे हैं, खासकर नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन और पेंसिल्वेनिया जैसे स्विंग स्टेट्स में जो राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. खास बात ये है कि इस संगठन ने साल 2000 में अल गोर के बाद से व्हाइट हाउस की रेस के लिए हर डेमोक्रेटिक कैंडिडेट का समर्थन किया है. इससे पहले संगठन ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार रोनाल्ड रीगन और जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश का समर्थन किया था.
वहीं साल 1992 में इस संगठन ने बिल क्लिंटन का समर्थन किया था और 1996 में जब क्लिंटन का मुकाबला रिपब्लिकन बॉब डोल से हुआ तो इसने मतदान से परहेज किया था. ‘
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‘टीमस्टर्स’ का फैसला कमला हैरिस के लिए झटका ?
‘टीमस्टर्स’ का ये फैसला कमला हैरिस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि इससे ट्रंप मजदूर और श्रमिक वर्ग के समर्थन का दावा कर सकते हैं.
पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल क्लार्क जो कॉर्पोरेट श्रम संबंधों के एक्सपर्ट हैं, उनका कहना है कि टीमस्टर्स का यह फैसला कमला हैरिस के प्रति उनकी निराशा को दिखाता है. हालांकि उनका मानना है कि यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है. क्लार्क कहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन उम्मीदवारों के लिए अमूल्य हो सकता है क्योंकि यह जमीनी स्तर पर सक्रियता लाता है और इतने कड़े मुकाबले में यकीनन अंतर पैदा कर सकता है.
लेकिन कमला हैरिस को ‘टीमस्टर्स’ की स्थानीय शाखाओं के साथ-साथ अन्य प्रमुख संगठनों का समर्थन मिला है. जिससे राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन न करने के ‘टीमस्टर्स’ के फैसले के प्रभाव को कम किया जा सकता है. प्रोफेसर पॉल क्लार्क का कहना है कि लंबे समय के लिए स्थानीय यूनियनों का समर्थन ज्यादा मूल्यवान होता है और इसका चुनाव के नतीजों को अधिक प्रभावित कर सकता है. इन स्थानीय यूनियनों का समर्थन कमला हैरिस को चुनाव में जीत दिला सकता है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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