दुनियां – पाकिस्तान में 11 देशों के राजनायक काफिले पर हमले के बाद तहरीक-ए-तालिबान का बयान – #INA

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में रविवार को हुए विदेशी राजनयिकों के काफिले पर हमले के बाद पाकिस्तान सुरक्षा एजेंसियों की किरकिरी हो रही है. इस इलाके में पाकिस्तान तालिबान का अच्छा खासा होल्ड है और हमले के बाद समझा जा रहा था कि राजनयिकों के काफिले पर हमला पाकिस्तान तालिबान ने किया है. सोमवार को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस हमले में उनका हाथ नहीं है.
रविवार को स्वात जिले से मालम जब्बा जा रहे रूस समेत 11 देशों के राजनयिकों के काफिले के रास्ते में एक बम विस्फोट हुआ. इस विस्फोट की जद में एक पुलिस जीप आई, जिसमें सवार सुरक्षा बलों में एक की मौत हो गई है और 4 घायल हैं. स्वात जिले के पुलिस अधिकारी जहीदुल्ला खान ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि काफिले को एक्सकोर्ट कर रहा दस्ता सड़क किनारे बम की चपेट में आ गया.
प्रांत के पुलिस अधिकारी मोहम्मद अली गंदापुर ने बताया कि हमले में सभी राजदूत सुरक्षित हैं और इस्लामाबाद रवाना होने से पहले उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया.
किसी ने नहीं ले जिम्मेदारी
अभी तक हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने काफिले के साथ चल रहे पुलिस वाहन पर हमला करने की बात से इनकार किया है. सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि वे इस हमले की जांच कर रही है. इस घटना की पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य अधिकारियों ने कड़ी निंदा की है.
कहां जा रहे थे 11 देशों के राजनयिक?
राजनयिक स्थानीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के निमंत्रण पर स्वात घाटी क्षेत्र का दौरा कर रहे थे, ताकि इसे संभावित पर्यटन स्थल के रूप में दिखाया जा सके. स्वात के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) मुहम्मद अली खान ने ‘डॉन’ को बताया कि काफिले में इंडोनेशिया, पुर्तगाल, कजाकिस्तान, बोस्निया और हर्जेगोविना, रवांडा, तुर्कमेनिस्तान, वियतनाम, जिम्बाब्वे, ईरान, रूस और ताजिकिस्तान के डेलिगेशन शामिल थे. खान ने बताया, “विस्फोट होने से कांस्टेबल बुरहान शहीद हो गए हैं, जबकि सब-इंस्पेक्टर सर ज़मीन, कांस्टेबल अमानुल्लाह और कांस्टेबल हबीब गुल सहित तीन अन्य पुलिसकर्मी घायल हैं. “

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button