दुनियां – PM मोदी का अमेरिका दौरा खत्म, बोले विदेश सचिव- जल्द भारत के लिए होंगे रवाना – #INA
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दोरे को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि यह एक बहुत ही गहन और सफल यात्रा रही. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जल्द ही भारत के लिए रवाना होंगे. मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रपति और महासचिव टो लाम और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक के साथ अपने दिन के कार्यक्रम का समापन किया. वहीं इससे पहले एक कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने बोस्टन और लॉस एंजिल्स में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की.
मिस्री ने कहा कि जहां तक द्विपक्षीय बैठकों का सवाल है. यह पहली बार था जब नेपाल के प्रधानमंत्री ओली और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई. इस बैठक ने उन्हें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और विकास साझेदारी, ऊर्जा, बिजली, भौतिक संपर्क, लोगों से लोगों के बीच संपर्क समेत द्विपक्षीय संबंधों के सभी क्षेत्रों में प्रगति करने की उनकी मंशा पर विचार करने का अवसर दिया.
कुवैत के क्राउन प्रिंस के साथ बैठक
प्रधानमंत्री ने कुवैत के क्राउन प्रिंस के साथ भी बैठक की, जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच बहुत करीबी संबंधों पर टिप्पणी की. कुवैत के क्राउन प्रिंस ने कहा कि भारत कुवैत के इतिहास का हिस्सा है और उन्होंने कुवैत की कुछ पुरानी कहावतों का हवाला दिया जो दोनों देशों के बीच संबंधों की निकटता को दर्शाती हैं. दोनों दिशाओं में कुछ उच्च-स्तरीय यात्राएं हैं जिन पर विचार-विमर्श किया गया और आने वाले महीनों में इनकी योजना बनाई जाएगी.
फिलिस्तीन के लिए भारत का ऐतिहासिक समर्थन
मिस्री ने कहा कि फिलिस्तीन के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री की बैठक में, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के लिए भारत के ऐतिहासिक समर्थन का उल्लेख किया, साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, क्षमता निर्माण और अन्य क्षेत्रों में भारत द्वारा फिलिस्तीन को प्रदान किए गए निरंतर और मानवीय समर्थन का भी उल्लेख किया. उन्होंने गाजा में उभर रहे संकट पर भी गहरी चिंता व्यक्त की, जहां स्थिति जटिल बनी हुई है और तनाव बना हुआ है. पीएम ने एक बार फिर दोहराया कि केवल टू-स्टेट समाधान ही इस क्षेत्र में स्थायी शांति प्रदान कर सकता है.
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने राजनीतिक मुद्दों सहित भारत द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि वह इस क्षेत्र में शांति लाने में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे.
वियतनाम के राष्ट्रपति को दी बधाई
इसके अलावा वियतनाम के राष्ट्रपति के साथ बैठक में, प्रधानमंत्री ने उन्हें इस नए पद को ग्रहण करने पर बधाई दी. उन्होंने हाल ही में वियतनामी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा और भारत-वियतनाम रणनीतिक संबंधों के महत्व को भी याद किया. उन्होंने वियतनाम में चक्रवात याजी के कारण हुई हाल की तबाही पर संवेदना व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया और अन्य माध्यमों से इस पर काम किया जाएगा.
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि संभवतः 3 महीने के अंतराल में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है. सभी मामलों, द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष पर उनकी चर्चा हुई.
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इन मुद्दों पर भारत के ध्यान की बहुत सराहना की. उन्होंने प्रधानमंत्री को शांति और इस संघर्ष से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया. दोनों पक्षों ने इस बात की सराहना की कि द्विपक्षीय संबंधों में कई मुद्दों पर सकारात्मक गति थी और वे सीधे या विभिन्न अन्य स्तरों पर यात्राओं के आदान-प्रदान के माध्यम से निकट संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए.
भारत ने किया शांति का समर्थन
विदेश सचिव के मुताबिक राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने की बात की है. इसलिए यह साफ है कि अगर शांति नहीं होगी तो एक तरह से विकास भी नहीं हो सकता. युद्ध खत्म होगा या नहीं, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन सभी की कोशिशें किसी तरह युद्ध का अंत खोजने पर केंद्रित हैं.
जंग पर कई देशों के नेताओं से की बात
राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने उन्हें यह भी बताया कि उन्होंने विभिन्न देशों के नेताओं से बात की है और इस विषय पर चर्चा होती रहती है और सभी की राय यही है कि किसी न किसी तरह हमें युद्ध में संघर्ष विराम का रास्ता निकालना ही होगा और इस संबंध में हमारे प्रयास भी जारी हैं. मिस्री ने कहा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ यह एक ऐसी बैठक थी, जिसका अनुरोध यूक्रेनी पक्ष ने किया था. पिछले तीन महीनों में नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है. बहुत सारे मुद्दों पर चर्चा की गई है लेकिन इस विशेष बैठक में, इस विशेष विषय रूसी तेल पर कोई बातचीत नहीं की गई.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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