दुनियां – पाकिस्तान ने UN में फिर अलापा कश्मीर राग, फिलिस्तीन से की तुलना, भारत पर लगाया धमकी का आरोप – #INA
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया है. बतादें, पाकिस्तान यूएन के मंचों पर नियमित रूप से जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है भले ही चर्चा का विषय कुछ भी हो. हालांकि भारत ने हर बार अपना रूख साफ किया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे.
दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGC) में कश्मीर मुद्दा फिर उठाया. साथ ही अपने संबोधन में उन्होंने भारत पर अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करने और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर कब्जा करने के लिए नियंत्रण रेखा पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया.
धारा 370 हटाने के फैसले की आलोचना
पीएम शरीफ ने कहा कि भारत को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के फैसले को वापस लेना चाहिए और मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए. शरीफ ने कश्मीर के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि फिलिस्तीन के लोगों की ही तरह जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है.
शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत
पीएम शरीफ ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए भारत को अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध कदमों को वापस लेना होगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुरूप जम्मू कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी होगी.
जनमत संग्रह कराने की बात
उन्होंने आरोप लगाया कि शांति की दिशा में आगे बढ़ने के बजाय भारत जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है. शरीफ ने कहा कि इन प्रस्तावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए जनमत संग्रह कराने की बात कही गई है.
इस्लामोफोबिया का बढ़ना
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना ऐसा वैश्विक घटनाक्रम है जो चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू श्रेष्ठतावादी एजेंडा इस्लामोफोबिया की सबसे चिंताजनक अभिव्यक्ति है. उम्मीद की जा रही है कि भारत उत्तर देने के अपने अधिकार के तहत पाकिस्तान के आरोपों का करारा जवाब देगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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